नए कृषि कानूनों को लेकर दुष्यंत चौटाला ने राहुल गांधी पर कसा तंज
सिरसा/चंडीगढ़। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कृषि कानूनों पर भोले-भाले किसानों को गुमराह कर रही है। डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रदेश का किसान जागरुक है और वे कांग्रेस के बहकावे में नहीं आने वाले है। उन्होंने कहा कि किसान को भली भांति पता है कि उनके हित किनके हाथों में सुरक्षित है। केंद्र व प्रदेश की सरकार ने किसानों के हित में अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं और किसानों की आय दोगुनी करने के लिए गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। Rahul Gandhi Kheti Bachao Yatra in Punjab" width="700" height="400" /> दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कांग्रेस ने आजतक किसानों को खुशहाल बनाने तथा उनकी आमदनी बढ़ाने की दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठाया जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ना केवल किसानों के हित में क्रांतिकारी निर्णय लिए बल्कि अब तक की रिकॉर्ड मुआवजा राशि किसानों को दी है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला रविवार को सिरसा स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। डिप्टी सीएम ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को कृषि शब्द के पहले अक्षर "क" के बारे में भी ज्ञान नहीं है। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा के दौरे पर आ रहे राहुल गांधी को केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि कानून के बारे में भी पूरी जानकारी नहीं है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि आज जो नए कानून बनाए गए हैं इनका समर्थन पिछली कांग्रेस की सरकार ने भी किया था और अपनी सरकार के समय में उन्होंने ओपन मार्किट के लिए अपनी रिपोर्ट में प्रपोज किया था। दुष्यंत ने यह भी कहा कि चार दिन से पूरे राज्य में कॉटन भी अच्छे दाम पर बिक रहा है। विपक्ष की ओर से इस मसले पर राजनीति की जा रही है। आगामी रबी सीजन की गेहूं की फसल पर केंद्र सरकार ने 50 रूपए प्रति क्विंटल का बोनस देकर यह जाहिर कर दिया है कि किसानों की फसल की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद जारी रहेगी। यह भी पढ़ें: प्रदेश का किसान कांग्रेसी नेताओं के झांसे में आने वाला: ओपी धनखड़ यह भी पढ़ें: पूरी ताकत से हो रहा Border Infrastructure का विकास: पीएम मोदी दुष्यंत चौटाला ने बरोदा उपचुनाव के बारे में कहा कि गठबंधन सरकार की दोनों पार्टियों जेजेपी व बीजेपी के प्रदेशाध्यक्षों का समन्वय लगातार जारी है और जल्द ही अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए उनके दरवाजे हर समय खुले हैं। वे स्वयं किसान हैं और वे किसानों के हर सवाल का जवाब देने को तैयार हैं। इस दौरान उन्होंने अपने आवास पर लोगों की समस्याएं भी सुनी।