दिल्ली विस चुनाव: क्या केजरीवाल दोहरा पाएंगे इतिहास, बीजेपी से कितनी है चुनौती?
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव का परिणाम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी (आम आदमी पार्टी) का भविष्य तय करेगा। 2013 में बनी आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में 2015 में भारी जीत हासिल की। लेकिन इस बार क्या केजरीवाल इतिहास दोहरा पाएंगे या फिर बीजेपी बाजी मार जाएगी। क्योंकि पिछले पांच वर्षों में दिल्ली के सियासी समीकरण काफी बदले हैं।
आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेता केजरीवाल का साथ छोड़ चुके हैं। इनमें योगेंद्र यादव , प्रशांत भूषण प्रमुख थे। वहीं कुमार विश्वास पार्टी में तो हैं परंतु उनका भी पार्टी में होना या ना होना मायने नहीं रखता क्योंकि उनके और केजरीवाल के बीच क्या चल रहा है, यह जगजाहिर है।
[caption id="attachment_378953" align="aligncenter" width="700"]Arvind Kejriwal repeat history" width="700" height="400" /> दिल्ली विस चुनाव: क्या केजरीवाल दोहरा पाएंगे इतिहास, बीजेपी से कितनी है चुनौती?[/caption]
इसके साथ ही बीजेपी भी काफी मजबूती के साथ मैदान में है। कच्ची कालोनियों को नियमित करने के केंद्र सरकार के फैसले को लेकर बीजेपी अपना मजबूत दावा ठोंकने की बात कर रही है। ऐसे में केजरीवाल के सामने इतिहास दोहरा पाने की चुनौती है। उधर कांग्रेस से भी आम आदमी पार्टी को अच्छी खासी टक्कर मिलने वाली है। कांग्रेस पार्टी अपने लोक लुभावन घोषणापत्र के जरिए दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने की पूरी तैयारी में है। लेकिन उन्हें कितनी सफलता मिल पाती है यह देखने वाली बात होगी।
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दिल्ली विस चुनाव: क्या केजरीवाल दोहरा पाएंगे इतिहास, बीजेपी से कितनी है चुनौती?[/caption]
हालांकि केजरीवाल ने अपने पांच वर्ष के कार्यकाल के दौरान विशेषकर स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में कई कार्य किए, जिसके बल पर वो जनता के बीच जा रहे हैं। लेकिन क्या वो इन कार्यों के बल पर वोट हासिल कर पाएंगे, इसके बारे अभी कुछ कहा नहीं जा सकता।
बता दें कि फरवरी 2015 में हुए विधानसभा चुनावों में ‘आप’ने 70 में से 67 सीटें जीतीं थीं। वहीं भाजपा तीन पर सिमट गई जबकि कांग्रेस की झोली पूरी तरह खाली रह गई थी। इसके विपरित यह भी पढ़ें: दुनिया के टॉप 20 लोगों में दुष्यंत चौटाला, फोर्ब्स की टॉप-20 की सूची में शामिल ---PTC NEWS---