विज के सताए मनोहर नड्डा की शरण में!
चंडीगढ़ (संजय मल्होत्रा)। अनिल विज को प्रदेश का गृहमंत्री बनाना एक चौंकाने वाला फैसला था। अमूमन यह विभाग मुख्यमंत्री अपने पास रखना पसंद करते हैं या फिर अपने किसी खास व्यक्ति के हवाले करते हैं। अनिल विज जैसे मिजाज वाले व्यक्ति को तो कतई नहीं। देर सवेर इस फैसले के नतीजे सामने आने थे सो आने शुरू हो गए हैं। मामला आला कमान तक पहुंच गया है। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है। मुलाकात के दौरान क्या बातचीत हुई है इसका कोई आधिकारिक खुलासा नहीं हुआ है। सूत्रों का कहना है कि मनोहर लाल ने विज के काम करने के तौर तरीकों पर सवाल उठाए हैं।
[caption id="attachment_375486" align="aligncenter" width="700"] विज के सताए मनोहर नड्डा की शरण में![/caption]
ताजा मसला प्रदेश के सीआईडी प्रमुख से तलब की गई रिपोर्ट को लेकर है। करीब एक महीना पहले विज ने प्रदेश के सीआईडी प्रमुख अनिल कुमार राव से यह रिपोर्ट तलब की थी। यह रिपोर्ट किस विषय को लेकर थी यह फिलहाल साफ नहीं है पर माना जा रहा है कि यह रिपोर्ट हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी की परफार्मेंस को लेकर थी। महीने देरी के बाद आखिरकार बुधवार को यह रिपोर्ट विज को सौंप दी गई। लेकिन विज इस से संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने राव को वीवार को दोबारा रिपोर्ट पेश करने को कहा है। इसी दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल नड्डा के पास पहुंच गए हैं। विज को किस तरह हैंडल किया जाए यह उनकी समझ में नहीं आ रहा है!
हाल ही में सीएमओ द्वारा आईपीएस अधिकारियों का तबादला करना भी विज को नागवार गुजरा। उनका कहना है कि यह सीधे उनके विभाग में दखलअंदाजी है। सीएम फ्लाइंग स्क्ववाड ने जिस तरह से पिछले दिनों रीजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी (आरटीए) के कार्यालयों पर आपेमारी की, वह भी विज को पसंद नहीं आई। इस मामले मे उन्हें लूप में नहीं रखा गया था।
यह भी पढ़ें: दीपेंद्र बोले- चुनाव में 4200 वोट ज्यादा मिलते तो कांग्रेस होता सबसे बड़ा दल
[caption id="attachment_375485" align="aligncenter" width="700"]
विज के सताए मनोहर नड्डा की शरण में![/caption]
अब देखना यह है कि आलाकमान का इस मामले में क्या रुख रहता है। आलाकमान के दबाव के चलते ही विज को यह विभाग देना पड़ा था। मनोहर लाल की चलती तो वह यह विभाग विज के पास ना जाने देते। अब जब विज गृहमंत्री बन ही गए हैं तो मनोहर लाल की मुश्किलें बढ़ना भी तय है। वह इन परिस्थितियों से कैसे उबरते हैं यह देखना दिलचस्प होगा।
---PTC NEWS---