मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की बड़ी घोषणा, हजारों लोगों को होगा फायदा
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज 20 साल से अधिक समय से किराये या लीज अथवा लाइसेंस फीस पर चल रही पालिकाओं की दुकानों व मकानों की मलकीयत उन पर काबिज व्यक्तियों को देने की घोषणा की है। इसके लिए एक नीति बनाई गई है जिसके अंतर्गत काबि़ज व्यक्ति को मालिकाना हक के लिए क्लेक्टर रेट से भी कम रेट की अदायगी करनी होगी। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा आज यहां डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी मीडियाकर्मियों को हिन्दी पत्रकारिता दिवस की बधाई व शुभकामनाएं दी। यह भी पढ़ें- केंद्र ने राज्यों को 22.77 करोड़ से अधिक टीके कराए उपलब्ध यह भी पढ़ें- हरियाणा के इस गांव में एक भी कोरोना पॉजिटिव नहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पालिका की तहबाजारी पर दी गई भूमि जिस पर मकान/दुकान हो या किराए/लीज/ लाइसैंस फीस/तहबाजारी पर दिये गये दुकान/मकान जिनकी अवधि 20 वर्ष या उससे अधिक अवधि 31 दिसंबर, 2020 को हो गई हैं, के कानूनी कब्जाधारियों को इस पॉलिसी के अंतर्गत मलकीयत का अधिकार दिया जायेगा। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि जिन्हें किराए/लीज/ लाइसैंस फीस/तहबाजारी मकान/दुकान लिए 20 वर्ष हो गए हैं, उन्हें वर्तमान कलेक्टर रेट पर 20 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। इसी प्रकार, जिन्हें 50 वर्ष हो गए हैं उन्हें 50 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी। इसके अलावा, यदि किसी कब्जाधारी को 50 वर्ष से अधिक हुए हैं, तो उस स्थिति में उसे वर्तमान कलेक्टर रेट पर अधिकतम 50 प्रतिशत की ही छूट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सक्षम प्राधिकारी द्वारा योग्य पाये गये आवेदकों से सम्बन्धित पालिकायें 15 दिन के अन्दर अदा की जाने वाली राशि का नोटिस जारी करेंगी। नोटिस जारी करने की तिथि से 15 दिन के अन्दर कुल निर्धारित राशि की 25 प्रतिशत राशि सम्बन्धित पालिका में जमा करानी होगी तथा शेष 75 प्रतिशत राशि आगामी तीन माह में जमा करानी होगी। मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि पालिका द्वारा भूमि या उस पर निर्मित भवन जो एक या एक से अधिक कब्जाधारियों को आबंटित किया हुआ हो, तो उस पर तय फॉर्मूला के अनुसार राशि की अदायगी करनी होगी। उन्होंने कहा कि यदि केवल एक आबंटी को निर्मित भवन आबंटन किया जाना है तो उसके लिए बेस रेट की अदायगी करनी होगी। यदि नगरपालिका ने दो तल का निर्माण किया है तथा प्रत्येक तल विभिन्न आबंटियों को देना हो तो भू-तल के लिए बेस रेट का 60 प्रतिशत और प्रथम तल के लिए बेस रेट का 40 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा। इसी प्रकार, यदि नगरपालिका ने तीन मंजिल भवन का विभिन्न आबंटियों को आबंटन करना हो तो भू-तल के लिए बेस रेट का 50 प्रतिशत, प्रथम तल के लिए बेस रेट का 30 प्रतिशत और द्वितीय तल के लिए बेस रेट का 20 प्रतिशत राशि का भगुतान करना होगा। उन्होंने कहा कि यदि पालिका ने दो तल या तीन तल के भवन विभिन्न आबंटियों को आबंटित किये हुये हों तो छत का अधिकार ऊपरी तल के आवेदक का होगा परंतु इस पर अतिरिक्त निर्माण का अधिकार नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राजस्व रास्तों की भूमि के आदान-प्रदान के आदेश जारी किए थे। इनके अलावा भी पालिकाओं में काफी जमीनें अलग-अलग टुकड़ों में विद्यमान हैं जिनका कोई उपयोग नहीं हो रहा है और इन पर अवैध कब्जा होने की संभावना बनी रहती है। इसलिए इन जमीनों को बेचने के लिए पालिकाओं को ही अधिकार देने का निर्णय लिया है। इससे इन जमीनों पर अवैध कब्जे की आशंका नहीं रहेगी और पालिकाओं की वित्तीय स्थिति भी मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि इन जमीनों के मूल्य निर्धारण की व्यवस्था बनाई जाएगी और तय की गई कीमत पर आवेदन मांगे जाएंगे।