सीएम जयरामने ने नगरोटा बगवां में किए 335 करोड़ रुपये लागत की 55 विकासात्मक योजनाओं के लोकार्पण-शिलान्यास
कांगड़ा: हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नगरोटा बगवां में 335 करोड़ रुपये लागत की 55 विकासात्मक योजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास किए। इसके बाद सीएम जयराम ठाकुर ने एक जनसभा को भी संबोधित किया। अपने भाषण में सीएम सरकार की उपलब्धियां गिनाने के साथ साथ कांग्रेस पर हमला करते हुए भी नजर आए। सबसे पहले सीएम ने नगरोटा बगवां की 6 पंचायतों के क्लस्टर के लिए 15.32 करोड़ रुपये की ग्रामीण जलापूर्ति योजना, पठियार पंचायत के लिए 5.45 करोड़ रुपये की प्रवाह सिंचाई योजना, राजीव गांधी इंजीनियरिंग कालेज नगरोटा बगवां में 6.80 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ब्लॉक, 3.89 करोड़ के बाथू खड्ड पुल, 4.80 करोड़ रुपये लागत के नकेड खड्ड पुल और 51 करोड़ रुपये की लागत से बनी बड़ोह-जंदराह-लगडू-खुडियां सड़क तथा 3.69 करोड़ रुपये की सीपनपट-खरात कहास सड़क का लोकार्पण किया। सीएम ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में 27 करोड़ रुपये से निर्मित मानसिक स्वास्थ्य उत्कृटता केंद्र, नर्सिंग स्कूल भवन 13.71 करोड़ रुपये, कन्या छात्रावास 12.50 करोड़ रुपये, लड़कों के छात्रावास 7.55 करोड़ रुपये और 7.45 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित स्नातकोतर कन्या छात्रावास का उदघाटन किया। मुख्यमंत्री ने 24.85 करोड़ रुपये से बनी मस्सल-सरोत्री डबल लेन सड़क और फार्मेसी कालेज में 3.50 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित लड़कियों के छात्रावास का उदघाटन भी किया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 16.96 करोड़ की लागत से नगरोटा बगवां तहसील के विभिन्न गांवों की जलापूर्ति योजना के सुदृढ़ीकरण कार्य, 34.70 करोड़ रुपये लागत की मालनू-नेरा-ठंबा-बड़ोह एवं टोरू की जलापूर्ति योजना के उन्नयन कार्य, 3.27 करोड़ रुपये की उठाऊ जलापूर्ति योजना लुहुनु-मंगरेला और 4.23 करोड़ रुपये की जलापूर्ति योजना सुनेहड़-मुंडला-सदरपुर रजिआना थानपुरी का शिलान्यास किया। उन्होंने 7.80 करोड़ रुपये की लागत से टांडा मेडिकल कालेज की पेयजल योजना के उन्नयन कार्य, 5.67 करोड़ रुपये की मलां-गुजरेड़ा सड़क, टांडा मेडिकल कालेज में 12.55 करोड़ रुपये की लागत से टाइप-5 आवासों के निर्माण और इसी परिसर में 3.70 करोड़ रुपये से बनने वाले टाइप-4 आवासों की आधारशिला भी रखी। इस अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने वर्ष 1948 में गठन के बाद विभिन्न क्षेत्रों में अभूतपूर्व विकास किया है। प्रदेश में सड़क सुविधा, शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, ग्रामीण विकास, पर्यटन, कृषि और बागवानी जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। प्रदेश के गठन के समय वर्ष 1948 में केवल 88 स्वास्थ्य संस्थान थे और वर्तमान में प्रदेश में 4320 स्वास्थ्य संस्थान हैं। सीएम जयराम ने कहा कि प्रदेश के गांवों के शत-प्रतिशत विद्युतीकरण के अलावा राज्य में 39354 किलोमीटर सड़कों का जाल बिछा है जो प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कारण सम्भव हो पाया है। इसका सारा श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा शुरू की गई इस महत्वकांक्षी योजना को जाता है। जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने चार वर्ष और आठ माह से अधिक के कार्यकाल के दौरान राज्य के गरीब और जरूरतमंद वर्गों का समग्र विकास सुनिश्चित किया है। वर्तमान सरकार ने जरूरतमंद लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन के रूप में 1300 करोड़ रुपये के वार्षिक वित्तीय लाभ प्रदान किए हैं जबकि पिछली प्रदेश सरकार ने इसके लिए केवल चार सौ करोड़ रुपये व्यय किए थे। यह गरीब वर्गों के कल्याण के प्रति प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। प्रदेश सरकार की हिमकेयर, सहारा योजना, मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना और मुख्यमंत्री शगुन जैसी अनेक योजनाएं गरीब और जरूरतमंदों को राहत प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट मुफ्त बिजली प्रदान की जा रही है। जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर रही है। वर्ष 2018 में शुरू की गई इस योजना के अन्तर्गत अब तक 721 करोड़ रुपये का निवेश और 4377 परियोजनाओं को पूरा किया गया है। योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों को 200 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया गया है और अब तक 11674 बेरोजगार लाभार्थी लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी विगत लगभग 50 वर्षों से प्रदेश और देश में सत्तासीन रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकटकाल के दौरान प्रदेश सरकार ने देश के विभिन्न भागों में फंसे 2.50 लाख हिमाचलवासियों को सुरक्षित घर वापिस लाया था। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने संवेदनशील मुद्दों का भी राजनीतिकरण किया और टीकाकरण के मामले पर लोगों को गुमराह करने की कोशिश की।