चारा घोटाला: पांचवे मामले में भी लालू यादव दोषी करार, 139 करोड़ रुपये की हुई थी अवैध रूप से निकासी
fooder scam case: चारा घोटाला मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को रांची की सीबीआई कोर्ट ने दोषी करार दिया है। लालू प्रसाद यादव (lalu prasad yadav) चारा घोटाले के डोरंडा केस में भी दोषी करार दिए गए हैं। यह मामला डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है। रांची स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को दोषी ठहराया है।
इस मामले में कोर्ट ने 24 लोगों को बरी कर दिया है। चारा घोटाला का सबसे बड़ा मामला साल 1990 से 1995 के बीच का है। फिलहाल 21 फरवरी को सजा का ऐलान होना बाकी है। अगर तीन साल से कम की सजा होती है तो यहीं से लालू को जमानत मिल जाएगी। अगर ऐसा नहीं होता है तो लालू को कस्टडी में लिया जाएगा। इन दिनों लालू यादव जमानत पर जेल से बाहर हैं।
अब तक लालू यादव को 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाला से जुड़े 5 में से 4 मामलों में दोषी करार दिए जा चुका हैं। यह मामला साल 1996 में उस वक्त सामने आया था जब कुछ सरकारी अधिकारियों ने फर्जी खर्चे की रिपोर्ट्स जमा की थी। डोरंडा कोषागार से से करोड़ों रुपये निकाले गए और बिना वेरिफिकेशन के फर्जी खर्च की रिपोर्ट दिखाई गई। यह घोटाला सामने आने के बाद लालू प्रसाद यादव को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
मामले में शुरुआत में 170 आरोपी थे, इसमें से 55 आरोपियों की मौत हो गई। दीपेश चांडक और आरके दास समेत सात आरोपियों को सीबीआई ने गवाह बनाया। सुशील झा और पीके जायसवाल ने निर्णय से पहले ही दोष स्वीकार कर लिया। मामले में छह आरोपी फरार है। इस हाईप्रोफाइल मामले में लालू यादव के अलावा पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉक्टर आरके राणा, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, तत्कालीन पशुपालन सचिव बेक जूलियस, पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक डॉक्टर के एम प्रसाद सहित 99 आरोपियों के खिलाफ आज फैसला आएगा। मामले में सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से 575 गवाहों की गवाही दर्ज कराई गई। बचाव पक्ष की ओर से 25 गवाह पेश किए गए हैं।
1970 के दशक के मध्य में बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में अपना पहला कार्यकाल पूरा करने वाले जगन्नाथ मिश्रा पर भी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया गया था।