चुनाव परिणाम के दौरान जेल में होंगे अकाली उम्मीदवार बिक्रम मजीठिया, कोर्ट ने 22 मार्च तक बढ़ाई हिरासत
नशा तस्करी मामले में फंसे शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम मजीठिया को मंगलवार को मोहाली कोर्ट में पेश किया गया। मजीठिया को 14 दिन के पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद मंगलवार को पेश किया गया। अदालत ने सुनवाई के बाद ज्यूडिशियल रिमांड बढ़ाते हुए 22 मार्च तक कर दिया है। अब मजीठिया जेल में रहकर विधानसभा नतीजों को सुनेंगे। मजीठिया ने 24 मार्च को जिला अदालत में आत्मसमर्पण किया था और तब हुई सुनवाई के बाद उन्हें आठ मार्च तक के ज्यूडिशियल रिमांड पर भेजा गया था। सरेंडर करते ही उन्हें पटियाला की सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। बिक्रम मजीठिया के खिलाफ कांग्रेस सरकार ने मोहाली क्राइम ब्रांच में ड्रग्स केस दर्ज किया था। उन पर इंटरनेशनल ड्रग तस्करों से साठगांठ के आरोप हैं। केस दर्ज होने के बाद उन्होंने मोहाली कोर्ट में अग्रिम जमानत लगाई थी, जिसे बार-बार खारिज किया जा रहा है। एसआईटी की तरफ से सरकारी वकील NDPS एक्ट के तहत लगे आरोपों की गंभीरता का हवाला देते हुए जमानत का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने स्पेशल टास्क फोर्स (STF) रिपोर्ट के बारे में बताया कि उसी के आधार पर केस दर्ज किया गया है, जिसमें नशा तस्करों ने मजीठिया का नाम लिया है। बिक्रम मजीठिया ड्रग्स केस में पटियाला की जेल में बंद हैं। 10 मार्च करीब आते-आते शिरोमणि अकाली दल के नेता लगातार बिक्रम सिंह मजीठिया से जेल में मिलने पहुंच रहे थे, लेकिन अब पटियाला जेल प्रशासन ने भी सख्ती का रुख अपना लिया है। अब नेताओं को जेल प्रशासन की ओर से मुलाकात की अनुमति नहीं दी जा रही है। जेल प्रशासन के नियमों के मुताबिक, परिवार के किसी सदस्य को हफ्ते में दो बार मुलाकात करने की अनुमति होती है। इसी बीच पिछले सप्ताह अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने बिक्रम मजीठिया से जेल में मुलाकात की थी।