बरोदा की जनता से बोले योगेश्वर दत्त- बड़ी बातें नहीं, बड़े काम करने आया हूं
गोहाना। बरोदा उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार योगेश्वर दत्त ने हलके के विभिन्न गांव में जनसभाएं की ओर लोगों से कहा कि मैं यहां राजनीति करने नहीं आया हूं। मैं यहां केवल विकास के लिए चुनाव लड़ने आया हूं। बचपन से ही मेरा एक सपना था कि मैं देश के लिए कुछ करूं और वह सपना मेरा कुश्ती से पूरा भी हो गया। [caption id="attachment_443407" align="aligncenter" width="700"] बरोदा की जनता से बोले योगेश्वर दत्त- बड़ी बातें नहीं, बड़े काम करने आया हूं[/caption] अब मेरा एक और सपना है कि मैं अपने बरोदा हलके को विकास के पथ पर चलाना चाहता हूं और इस कार्य में मुझे आप लोगों के मतों की जरूरत है। योगेश्वर दत्त ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बरोदा हलके का पिछड़ापन केवल और केवल भाजपा सरकार ही दूर कर सकती है। यह सब आपने पिछले 3 महीनों में भी देख लिया होगा कि जितना विकास भारतीय जनता पार्टी ने पिछले 3 महीनों में करवाया है इतना विकास पिछले 54 सालों में भी नहीं हो पाया है। यह भी पढ़ें- नेताजी को फेसबुक पर दोस्ती करना पड़ा भारी [caption id="attachment_443409" align="aligncenter" width="700"] बरोदा की जनता से बोले योगेश्वर दत्त- बड़ी बातें नहीं, बड़े काम करने आया हूं[/caption] इसलिए मैं आप लोगों से अपील करने आया हूं कि एक मौका मुझे दे दो, ताकि में इस हलके के पिछड़ेपन को दूर कर सकूं। छपरा गांव में लोगों को संबोधित करते हुए योगेश्वर दत्त ने कहा कि मुझे कोई राजनीति नहीं आती मैं तो वोट मांगना भी अभी से सीखा हूं। मुझे बस आप लोगों के आशीर्वाद की जरूरत है, अगर आप लोग मुझे आशीर्वाद के रूप में यहां से जीत दिलाते हैं,तो मैं आप लोगों के विश्वास पर खरा उतरूंगा। योगेश्वर दत्त ने कहा कि मेरा एकमात्र लक्ष्य बरोदा को विकास के मार्ग पर लेकर चलना है। यह भी पढ़ें- किसानों ने दशहरे पर जलाए सरकार के पुतले [caption id="attachment_443408" align="aligncenter" width="700"] बरोदा की जनता से बोले योगेश्वर दत्त- बड़ी बातें नहीं, बड़े काम करने आया हूं[/caption] योगेश्वर दत्त ने गाड़ी से नीचे उतरकर एंबुलेंस को काफिले से निकलवाया भाजपा उम्मीदवार योगेश्वर दत्त का उस समय मानवीय चेहरा देखने को मिला,जब गांव कैहल्पा से छपरा जाते समय योगेश्वर दत्त के काफिले में लगभग 160 गाड़ियों के बीच एंबुलेंस फंस गई थी। इस बात का जैसे ही योगेश्वर दत्त को पता चला,वह तुरंत गाड़ी से नीचे उतरे और एंबुलेंस का रास्ता बनाने लग गये। एंबुलेंस के निकल जाने तक योगेश्वर दत्त वहीं बने रहे।