फर्रुखाबाद/ज्ञानेंद्र शुक्ला: पेट्रोल से चलने वाली स्कूटी का फ्यूल खत्म हो जाए तो उसे धक्का ही लगाना पड़ेगा। इलेक्ट्रिक टू व्हीलर की चार्जिंग खत्म होने पर भी यही प्रॉब्लम होगी, लेकिन फर्रूखाबाद के दो लोगों ने पेट्रोल से चलने वाली स्कूटी को हाइब्रिड मोड में कन्वर्ट कर दिया है। यानी जरूरत के हिसाब से अपनी मर्जी से स्कूटी को इलेक्ट्रिक चार्जिंग या पेट्रोल से दौड़ा सकते हैं।फर्रुखाबाद जिले में दो लोगों ने तरकीब निकालकर पेट्रोल से चलने वाली स्कूटी को इलेक्ट्रिक व्हीकल भी बना दिया यानी मर्जी हो स्कूटी को चार्ज की गई बैटरी से चलाएं. जब चार्ज खत्म हो जाए तो एक क्लिक में पेट्रोल से दौड़ाएं। किसी भी हालत में ड्राइवर को रुकना नहीं पड़ेगा और महंगे पेट्रोल से राहत भी मिलेगी।स्कूटी के पेट्रोल मॉडल को इलेक्ट्रिक हाइब्रिड अवतार में तब्दील करने वाले फर्रूखाबाद के निनोआ गांव निवासी श्रीकांत और अंकित हैं, जब पेट्रोल की कीमत प्रति लीटर 100 रुपये के पार गई तो युवाओं ने हाइब्रिड व्हीकल बनाने की ठान ली। बाजार में उपलब्ध एक बड़े ब्रांड की स्कूटी को हाइब्रिड रूप में बदल दिया। श्रीकांत और अंकित ने बताया कि उनकी मॉडिफॉई की गई स्कूटी का इंजन एक स्विच के जरिये ही पेट्रोल इंजन से बैटरी मोटर पर चला जाता है।अंकित ने बताया कि हाइब्रिड स्कूटी बनाने के लिए उन्होंने पेट्रोल से चलने वाली गाड़ी में कई बदलाव किए. स्कूटी में 60 वोल्ट की बैटरी और 1000 वॉट का मोटर लगाया गया। इसका मोटर पुरानी स्कूटी के पार्ट्स निकालकर बनाया गया है। इस स्कूटी को हाइब्रिड बनाने में करीब 50 हजार रुपये का खर्च आया है। श्रीकांत और अंकित का दावा है कि यह बैटरी करीब 3 साल चलेगी। दोनों युवाओं ने यह गाड़ी करीब 15 दिन में तैयार की है।उन्होंने बताया कि उनकी मॉडिफाई स्कूटी करीब 60 किलोमीटर तक बैटरी से चलती है, जब बैटरी खत्म हो जाती है, ड्राइवर एक स्विच ऑन कर इसे पेट्रोल के सहारे चला सकता है।गाड़ी के आगे हिस्से में एक बॉक्स में बैटरी रखी गई है और पिछले पहिए में एक मोटर लगाई गई है। गाड़ी में डिस्प्ले भी लगाया गया है, जिससे पता चलता है कि बैटरी चार्ज है कि नहीं। यह डिस्प्ले बैटरी का चार्ज स्टेटस भी बताता है। श्रीकांत और अंकित का मानना है कि जो पुरानी गाड़ियां हैं, उसे भी हाइब्रिड मॉडल में मॉडिफाई किया जा सकता है। ऐसे वाहन एनवायरनमेंट को भी प्रदूषण से मुक्त रखते हैं।