पैरालंपिक में स्वर्ण लेकर लौटी शर्मिला का रेवाड़ी पहुंचने पर हुआ भव्य स्वागत
रेवाड़ी। आज देश में रंगों का पर्व मनाया जा रहा है लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते सार्वजनिक स्थानों पर इस उत्सव में मनाने पर रोक लगाई गई है उसके बावजूद आज रेवाड़ी में रंगों के पर्व होली में चार चांद उस वक्त लग गए जब दिव्यांग शर्मिला पैरालंपिक में स्वर्ण पदक लेकर रेवाड़ी पहुंची।
[caption id="attachment_484866" align="aligncenter"] पैरालंपिक में स्वर्ण लेकर लौटी शर्मिला का रेवाड़ी पहुंचने पर हुआ भव्य स्वागत[/caption]
रेवाड़ी पहुंचने पर शर्मिला का ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया गया और लोगों द्वारा जमकर रंगों की होली खेली गई। इतना ही नहीं आज होली के पर्व पर रंग ही नहीं बल्कि आतिशबाजी कर रेवाड़ी नगरी को होली और दिवाली का संगम भी बना दिया गया।
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[caption id="attachment_484865" align="aligncenter"] पैरालंपिक में स्वर्ण लेकर लौटी शर्मिला का रेवाड़ी पहुंचने पर हुआ भव्य स्वागत[/caption]
बता दें कि भारतीय पैरालंपिक समिति की ओर से बेंगलुरु में आयोजित हुई राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक चैंपियनशिप में रेवाड़ी के पांच पैरा दिव्यांग के खिलाड़ियों ने 6 गोल्ड, 3 रजत सहित 9 पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। पहली बार किसी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाली शर्मिला न केवल स्वर्ण पदक जीता बल्कि नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड अपने नाम किया।
[caption id="attachment_484867" align="aligncenter"] पैरालंपिक में स्वर्ण लेकर लौटी शर्मिला का रेवाड़ी पहुंचने पर हुआ भव्य स्वागत[/caption]
शर्मिला ने एफ-56-57 स्पर्धा में 7.40 मीटर दूर शॉटपुट फेंक कर नया रिकॉर्ड बनाया। इससे पहले जो 6.08 मीटर का नेशनल रिकॉर्ड था। राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक हासिल करने वाली शर्मिला की उपलब्धि कम नहीं है। शर्मिला दो बच्चे की मां है, तथा पिछले साल ही उन्होंने खेलना शुरू किया था। मूल रूप से महेंद्रगढ़ जिले के कि छिछरोली गांव निवासी शर्मिला ने बेहद कम समय अभ्यास करके नेशनल रिकॉर्ड बनाया है।