SC ने लखीमपुर खीरी हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत की रद्द, 1 हफ्ते में करना होगा सरेंडर
लखीमपुर खीरी केस के आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने 1 हफ्ते में आशीष मिश्रा को सरेंडर करने के लिए कहा है। अदालत ने कहा कि हाईकोर्ट ने पीड़ित पक्ष को नहीं सुना। उन्हें जल्दबाजी में जमानत दी गई। हाईकोर्ट दोबारा मामला को सुने। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 10 फरवरी को आशीष मिश्रा को जमानत दे दी थी। इससे पहले वह चार महीने तक हिरासत में रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को नए सिरे से सुनवाई के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट को वापस भेज दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़ित पक्ष का ध्यान नहीं रखा। पीड़ित पक्ष की सुनी नहीं गई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट को फिर से विचार करना चाहिए। वहीं पीड़ित पक्षकारों के वकील दुष्यंत दवे ने आग्रह किया कि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से सुप्रीम कोर्ट कहे कि इस बार किसी अन्य पीठ के सामने ये मैटर जाए। इसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि ऐसा आदेश पारित करना ठीक नहीं होगा। हमें यकीन है कि वही जज दोबारा इस मामले को सुनना भी नहीं चाहेंगे। इससे पहले मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने 4 अप्रैल को सभी पक्षों को सुनने के बाद मामले में अपने आदेश को सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 10 फरवरी को आशीष मिश्रा को मामले में जमानत दे दी थी। इससे पहले वह चार महीने तक हिरासत में रहा था। 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर के तिकुनिया में हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई थी। आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू ने अपनी जीप से किसानों को कुचल दिया। इस मामले में उत्तर प्रदेश SIT ने 5000 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी। एसआईटी ने आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया था। इतना ही नहीं एसआईटी के मुताबिक, आशीष घटनास्थल पर ही मौजूद था।