बिजली की समस्या को लेकर हरियाणा सरकार पर बरसे सुरजेवाला, पूछा: अडानी समूह पर मेहरबानी क्यों?

By  Vinod Kumar April 23rd 2022 02:30 PM

कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा में बिजली की समस्या को लेकर खट्टर सरकार पर निशाना साधा है। बिजली संकट के लिए रणदीप सुरजेवाला ने खट्टर सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर सरकार और प्राईवेट बिजली उत्पादकों की मिलीभगत से हरियाणा में ‘भयंकर बिजली संकट’ पैदा हुआ है। इस सांठगांठ से भीषण गर्मी में अघोषित बिजली कटौती को हरियाणा के लोग भुगत रहे हैं। 12 घंटे तक की बिजली कटौती ने जीवन दुश्वार कर दिया है। खेती सूखने की कगार पर है व पूरे प्रांत में उद्योग ठप्प पड़े हैं। सुरजेवाला ने कहा कि मई महीने में प्रांत को 9500 मेगावॉट बिजली की आवश्यकता है। जुलाई से सितंबर, 2022 तक हर महीने प्रांत में बिजली की मांग लगभग 12,000 मेगावॉट होगी। इस मांग के मुकाबले में जून से सितंबर तक हर महीने 3000 मेगावॉट से 4000 मेगावॉट बिजली की कम आपूर्ति हो पाएगी। कारण - अडानी पॉवर मुंद्रा, गुजरात से मिलने वाली 1424 मेगावॉट बिजली का 1 यूनिट भी न मिलना व प्रांतीय सरकार की विफलता के चलते खुद के बिजलीघरों में उत्पादन न हो पाना। Randeep Surjewala, Haryana government, electricity crisis, Haryana कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया कि क्योंकि खट्टर सरकार की प्राईवेट बिजली उत्पादकों से मिलीभगत साफ है। हरियाणा के लोगों पर दोहरी मार पड़ रही है। पहला, हरियाणा को सस्ते रेट पर मिलने वाली कॉन्ट्रैक्टेड बिजली सप्लाई नहीं मिल पा रही। दूसरा, बिजली की कम आपूर्ति को पूरा करने के लिए हरियाणा को दोगुने रेट पर बिजली खरीदनी पड़ रही है। सरकार के खजाने को चूना लगाया जा रहा है और सत्ता में बैठे मठाधीश एक नए किस्म के क्रोनी कैपिटलिज़्म को बढ़ावा दे रहे हैं। कुछ तथ्यों को रखते हुए सुरजेवाला ने कहा कि 24-11-2007 - अडानी पॉवर ने 25 साल के लिए 1424 मेगावॉट बिजली 2.94/Kwh हरियाणा को सप्लाई करने के लिए कंपटिटिव बिड दी। 31-07-2008 - अडानी पॉवर की बिड मंजूर कर ली गई। 07 अगस्त, 2008 को हरियाणा की बिजली कंपनियों द्वारा 1424 मेगावॉट बिजली 2.94प्रति यूनिट के रेट से 25 साल के लिए खरीदने हेतु अडानी पॉवर से ‘बिजली खरीद समझौता’ (PPA) कर लिया गया, जिसके तहत मुंद्रा से महेंद्रगढ़ तक अडानी पॉवर द्वारा बिजली की लाईन भी बिछाई गई। Randeep Surjewala, Haryana government, electricity crisis, Haryana 2010-11 - इंडोनेशिया में कोयले के रेट बारे कानून में बदलाव हुआ। इसके आधार पर अडानी पॉवर ने हरियाणा के साथ हुए पीपीए को सिरे से खारिज करने या बढ़ी हुई कोयले की कीमतें हरियाणा द्वारा दिए जाने की मांग रखी। 11-04-2017 - Central Electricity Regulatory Commission (CERC) से सुप्रीम कोर्ट तक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अडानी पॉवर द्वारा पीपीए को सिरे से खारिज किए जाने या फिर इंडोनेशिया के कोयले की बढ़ी हुई कीमत हरियाणा द्वारा दिए जाने की मांग को सिरे से खारिज कर दिया। Randeep Surjewala, Haryana government, electricity crisis, Haryana सुरजेवाला ने कहा कि साल 2021 से ही इंडोनेशिया के कोयले की बढ़ी हुई कीमतों को कारण बताकर अडानी पॉवर ने हरियाणा की बिजली कंपनियों को बिजली सप्लाई रोक रखी है। अडानी पॉवर को पीपीए के मुताबिक बिजली सप्लाई करने के लिए बाध्य करने की बजाय खट्टर सरकार ने रहस्यमयी चुप्पी साध रखी है। उल्टा खट्टर सरकार हरियाणा के खजाने पर सैकड़ों करोड़ रुपये का बोझ डालकर ₹5 से ₹8 प्रति यूनिट तक की शॉर्ट टर्म बिजली की खरीद कर रहे हैं।

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