फसलों पर फिर संकट की बारिश, इन जिलों में बन रहे ओलावृष्टि के आसार

उत्तर प्रदेश में मौसम ने करवट ले ली है। शनिवार सुबह मौसम पूरी तरह से बदल गया। भले ही मौसम बेहद सुहावना हो गया हो लेकिन दूसरी तरफ इससे भारी नुकसान भी झेलना पड़ा है। दरअसल, बारिश के साथ तेज हवा चली, जिससे फसलों को नुकसान हुआ है।

By  Jainendra Jigyasu March 18th 2023 10:19 PM

उत्तर प्रदेश में मौसम ने करवट ले ली है। शनिवार सुबह मौसम पूरी तरह से बदल गया। भले ही मौसम बेहद सुहावना हो गया हो लेकिन दूसरी तरफ इससे भारी नुकसान भी झेलना पड़ा है। दरअसल, बारिश के साथ तेज हवा चली, जिससे फसलों को नुकसान हुआ है।

जहां गेहूं की फसल गिरी तो वहीं सरसों की फलियां भी टूट गई। इसके अलावा आलू किसान तो वैसे ही परेशानी से जूझ रहा है। जहां बारिश हुई, वहां खोदाई रुक गई। इस दौरान अब मौसम विभाग आगे भी बारिश और तेज हवा चलने की आशंका जता रहा है। जिसमें 20 और 21 मार्च को तेज बारिश के आसार हैं। कुलमिलकर अगला हफ्ता किसनों के लिए मुसीबत भरा साबित हो सकता है।  

दरअसल, गुरुवार की रात से ही आसमान में बदल छाए हुए थे जिसके बाद अचानक तेज हवा के साथ बारिश शुरू हो गई। इस बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान किसनों को हो रहा है जिनकी गेहूं की फसल पक गई है, लेकिन वह बारिश की वजह से बालियां टूटने से बुरी तरह से प्रभावित हुई। साथ ही सरसों पर भी बारिश और हवा दोनों का असर हुआ। बता देंम सबसे ज्यादा बारिश पश्चिमी और मध्य यूपी में हुई।  

कृषि विवि के मौसम विज्ञानी डाक्टर ने जानकारी देते हुए कहा अगले पांच दिन तक ज्यादातर जगहों पर बारिश होने के आसार हैं। जिसमें मेरठ से लेकर मुजफरनगर, बागपत, शामली, हापुड़, नोएडा, अलीगढ़, गाजियाबाद, रामपुर, बिजनौर में हल्की बारिश तो बदायूं संभल, फर्रुखाबाद, सहारनपुर में मध्यम बारिश और बरेली, पीलीभीत में  तेज बारिश के आसार हैं। फिलहाल, इन दिनों प्रयागराज, कौशांबी आदि में चना आदि फसलों की कटाई चल रही है। ऐसे में यहां तेज बारिश हुई तो भारी नुकसान झेलना पड़ेगा। साथ ही वाराणसी में भी यही हालत हैं यहां तेज वर्षा से गेहूं, सरसों, आम को काफी नुकसान हो सकता है।  

एडवाइजरी जारी कर दी जानकारी 

कृषि विभाग की तरफ से मिल रही जानकारी के मुताबिक खड़ी फसल में सिंचाई नहीं करने को कहा है। जहां बारिश नहीं हुई और सरसों पक वहां तत्काल कटाई करने को कहा। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है तेज बारिश या ओलावृष्टि होते ही गेहूं, सरसों आदि सभी फसलें बर्बाद हो जाएंगी। अगर फसले 15 से 20 फीसदी क्षतिग्रस्त हो गई हो तो साफ आसमान में यूरिया की टॉप ड्रेसिंग करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा कटी फसल को पॉलीथिन से ढकने को कहा गया है। इस बारिश से मक्का, उर्द, मूंग में कम अंकुरण होगा।

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