स्थानीय भाषा में हो अदालती कार्यवाही, तब न्यायिक प्रणाली से जुड़ाव महसूस करेगी जनता: पीएम मोदी

By  Vinod Kumar April 30th 2022 11:32 AM -- Updated: April 30th 2022 01:38 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शनिवार को विज्ञान भवन में राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन को संबोधित किया। कार्यक्रम में केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू और भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना भी शामिल थे। कार्यक्रम की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टेक्नोलॉजी पर खासा जोर दिया। पीएम ने कहा कि डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। न्याय की देरी कम करने की कोशिश की जा रही हैं। बुनियादी सुविधाओं को पूरा किया जा रहा है। कोर्ट में वैकेंसी भरने की प्रोसेस चल रही है। न्यायपालिका की भूमिका संविधान के संरक्षक के रूप में है। PM Modi, Chief Justices of High Courts, judges, CJI Ramana पीएम ने सम्मेलन में कहा कि, हमारे देश में जहां एक ओर जूडिशियरी की भूमिका संविधान संरक्षक की है, वहीं लेजिस्ट्रचर नागरिकों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है। मुझे विश्वास है कि संविधान की इन दो धाराओं का ये संगम, ये संतुलन देश में प्रभावी और समयबद्ध न्याय व्यवस्था का रोडमैप तैयार करेगा।  

इस दौरान PM ने कहा- हमें कोर्ट में स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने की जरूरत है। इससे देश के आम नागरिकों का न्याय प्रणाली में भरोसा बढ़ेगा, वो उससे जुड़ा हुआ महसूस करेंगे। देश में 3।5 लाख कैदी अंडर ट्रायल हैं, इनके मसले को निपटाने पर जोर दिया जाए। मैं सभी मुख्यमंत्रियों और हाईकोर्ट के जजों से इस पर ध्यान देने की अपील करता हूं। PM Modi, Chief Justices of High Courts, judges, CJI Ramana इससे पहले CJI एनवी रमना ने कहा- न्याय का मंदिर होने के नाते अदालत को लोगों का स्वागत करना चाहिए, कोर्ट की अपेक्षित गरिमा और आभा होनी चाहिए। जनहित याचिका (PIL) का गलत इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसे प्रोजेक्ट को रोकने और अफसरों को डराने के लिए व्यक्तिगत तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। PIL राजनितिक और कॉरपोरेट विरोधियों के खिलाफ एक टूल बन गया है। PM Modi, Chief Justices of High Courts, judges, CJI Ramana यह सम्मेलन छह साल बाद हो रहा है। इससे पहले, 2016 में यह सम्मेलन हुआ था। पीएमओ ने कहा कि 2016 से अब तक सरकार ने अवसंरचना में सुधार और ‘ई-कोर्ट्स मिशन मोड प्रोजेक्ट’ के तहत अदालती प्रक्रियाओं में डिजिटल प्रौद्योगिकी का एकीकरण करने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। सम्मेलन न्यायपालिका के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करने का एक मंच है। अदालतों में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए न्यायमूर्ति रमण के प्रस्ताव को सम्मेलन के एजेंडे का हिस्सा बनाया गया है।

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