इसी महीने अक्टूबर में ऑस्ट्रेलिया में टी-20 वर्ल्ड कप...उससे पहले दुबई में हुआ एशिया कप...फिर उससे पहले अलग-अलग टीमों के साथ वनडे, टेस्ट और टी-20 सीरीज, अब टी-20 वर्ल्ड कप के बाद फिर आएगा आईपीएल...मतलब खिलाड़ियों पर लगातार बढ़ता वर्कलोड...और हाल के दौर में क्रिकेट जगत में वर्कलोड और प्रैशर जैसे शब्द ज्यादा सुनने को मिलते हैं, क्योंकि टीम इंडिया के खिलाड़ी लगातार क्रिकेट जो खेल रहे हैं. ऐसे में उनके वर्कलोड को मैनेज भी किया जा रहा है. ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के साथ टी-20 सीरीज खेलने के बाद भारतीय टीम टी-20 वर्ल्ड कप के लिए ऑस्ट्रेलिया पहुंच चुकी है. इधर 1983 कप के चैंपियन रहे पूर्व कप्तान कपिल देव ने वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले ही बड़ा बयान दे दिया है...कपिल देव का कहना है कि अगर किसी खिलाड़ी को कोई प्रैशर है तो वो खेल को छोड़ सकता है।
प्रैशर है तो मत खेलो- कपिल देव
'चैंपियंस ऑफ आकाश-2022' कार्यक्रम में पहुंचे कपिल देव ने कहा कि काफी बार टीवी पर भारतीय खिलाड़ियों की ओर से सुनने को मिलता है कि जब वो खेलते हैं, आईपीएल खेलते हैं तो बहुत प्रैशर होता है. पूर्व दिग्गज कप्तान ने कहा कि मैं यही कहना चाहूंगा कि अगर प्रैशर है तो आईपीएल मत खेलो. इस दौरान कपिल देव ने पूछा कि आखिर ये प्रैशर क्या होता है? वर्कलोड मैनेजमेंट पर कपिल देव के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है और क्रिकेट फैन्स इस पर अलग-अलग प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं।
‘प्रैशर और डिप्रेशन हैं अमेरिकन शब्द’
कार्यक्रम में पूर्व दिग्गज कप्तान कपिल देव ने कहा कि अगर किसी खिलाड़ी में खेलने का जुनून है तो फिर किसी भी तरह का दबाव नहीं होना चाहिए. कपिल देव ने कहा कि दबाव और डिप्रेशन ये सब अमेरिकन शब्द है और उन्हें ये सब शब्द समझ नहीं आते।
‘क्रिकेट को एन्जॉय करते हुए खेलने पर प्रैशर कैसा?’
कपिल देव ने कहा कि अगर आपको खेल में मजा आ रहा है कि तो फिर आपको कोई दबाव, प्रैशर या डिप्रैशन महसूस नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं किसान परिवार से आता हूं और हम एन्जॉय करने के लिए क्रिकेट खेलते हैं. वहीं कपिल देव ने कहा कि एन्जॉयमेंट में कोई प्रैशर हो ही नहीं सकता।
लगातार क्रिकेट खेल रहे हैं भारतीय खिलाड़ी
गौर करें तो भारतीय खिलाड़ी लगातार क्रिकेट खेल रहे हैं. इस साल के शेड्यूल ही बात करें तो 26 मार्च से 29 मई तक टीम इंडिया के खिलाड़ी आईपीएल में बिजी रहे. फिर उसके बाद जून में टी-20 सीरीज के लिए साउथ अफ्रीका की मेजबानी की. इसके बाद टी-20 सीरीज के लिए आयरलैंड का दौरा किया. फिर जुलाई में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और
टी-20 सीरीज खेली. जुलाई और अगस्त महीने में भारत ने वेस्टइंडीज की मेजबानी में 5 टी-20 और वनडे सीरीज खेली. इसके बाद टीम एशिया कप में बिजी हो गई, जिसके खिताबी मुकाबले सितंबर में खेले गए. वहीं एशिया कप के बाद भारत ने ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका की मेजबानी की और टी-20 सीरीज खेली।
मेंटल हेल्थ के लिए अलग से कोच
मौजूदा समय में सभी टीमें खिलाड़ियों की मेंटल हेल्थ के लिए अलग कोच रखती हैं. इसके अलावा कंडिशनिंग कोच भी होते हैं, जो खिलाड़ियों की शारीरिक विशेषताओं पर काम करते हैं. वहीं कपिल देव का ये बयान तब आया है, जब दुनिया 10 अक्टूबर यानि आज के दिन को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे के तौर पर मना रही है।