चैत्र नवरात्रि 2022: 2 साल बाद मां नैना देवी के दरबार में उमड़ी भक्तों की भीड़, बाहरी राज्यों से पहुंचे श्रद्धालु

By  Vinod Kumar April 2nd 2022 03:27 PM -- Updated: April 2nd 2022 03:33 PM

आज से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हुई। नवरात्रि के पहले दिन ही भक्तों की भारी भीड़ मंदिरों में देखने को मिली। कोरोनाकाल में दो सालों बाद मंदिरों में इतनी भीड़ देखने को मिल रही है। हिमाचल के शक्तिपीठों में बाहरी राज्यों से भी श्रद्धालू मंदिर पहुंचे। बिलासपुर स्थित विश्वविख्यात शाक्तिपीठ श्री नैना देवी में धूमधाम से नवरात्र मेलों का आगाज हो गया है। विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में सुबह की आरती पूजा अर्चना के साथ माताजी के नवरात्रे शुरू हुए और आज प्रथम नवरात्र के उपलक्ष्य पर माता शैलपुत्री की पूजा की जा रही है। मंदिर की भव्य सजावट का कार्य पंजाब की समाज सेवी संस्था के द्वारा किया गया है पंजाब के लगभग 8 कारीगर लगातार मंदिर को सजाने का कार्य करते रहे और मंदिर के मनमोहक दृश्य दूर-दूर तक श्रद्धालुओं के दिनों में प्राकृतिक सौंदर्य की अपार छटा बिखेर रहे हैं। Chaitra Navratri, Chaitra Navratri 2022, navratri, Naina Devi temple, Himachal, bilaspur मंदिर में पूजा करने के लिए पंजाब, हिमाचल, हरियाणा दिल्ली और अन्य प्रदेशों से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं ने यहां पर प्राचीन हवन कुंड में आहुतियां डालकर अपने घर-परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना की। राज्य सरकार, जिला प्रशासन और मंदिर न्यास की ओर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। Chaitra Navratri, Chaitra Navratri 2022, navratri, Naina Devi temple, Himachal, bilaspur इस बार मंदिर न्यास का सदाव्रत लंगर भी श्रद्धालुओं के लिए खुला रहेगा। सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर क्षेत्र में लगभग 400 पुलिसकर्मी, होमगार्ड के जवान तैनात किए गए हैं। इसके अलावा मंदिर के अंदर 22 एक्स सर्विसमैन फौजी भी तैनात हैं। श्रद्धालुओं को लाइनों में ही माता के दर्शनों के लिए भेजा जा रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर में नारियल और कड़ाह प्रसाद चढ़ाने की मनाही है। Chaitra Navratri, Chaitra Navratri 2022, navratri, Naina Devi temple, Himachal, bilaspur बता दें कि हिमाचल प्रदेश का विश्वविख्यात 52 शक्तिपीठों में से एक हैं। कहते हैं कि माता सती के नेत्र यहां पर गिरे थे। इसलिए इस शक्तिपीठ का नाम श्री नैना देवी पड़ा। हर साल भारी संख्या में श्रद्धालु माता के दरबार में नवरात्रों के दौरान पहुंचते हैं। इस दौरान माता का आशीर्वाद लेने के बाद और मान्यता है कि श्रद्धालु अपनी आंखों की कुशलता के लिए माता के दरबार में चांदी के नेत्र चढ़ाते हैं।

Related Post