हुड्डा नहीं, मुख्यमंत्री खट्टर कर रहे हैं किसानों को उकसाने का काम: दीपेन्द्र हुड्डा
चंडीगढ़। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री और हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर किसानों को उकसाने के आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हुड्डा किसानों को नहीं उकसा रहे हैं। हक़ीक़त ये है कि मुख्य मंत्री, उप-मुख्य मंत्री और बीजेपी सरकार में बैठे नेता, उनके इशारों पर काम करने वाले अधिकारी किसानों को उकसाने वाली हरकतें कर रहे हैं। ये बात हम ही नहीं, मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक जी भी कह चुके हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के सिर फोड़ने का आदेश देने वाले अधिकारी का बचाव करके खुद मुख्यमंत्री ने इस बात को साबित भी कर दिया है। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण आन्दोलन कर रहे किसानों को उकसाकर हरियाणा सरकार अशांति फैलाने का काम कर रही है ताकि अपनी विफलताओं और घपले-घोटालों से लोगों का ध्यान हटा सके। उन्होंने आगे कहा कि सरकारी अमले द्वारा लगातार उकसाने की हरकतों के बावजूद शांति और संयम से बैठे किसान प्रशंसा के पात्र हैं। हम भी बार-बार ये अपील करते हैं कि किसान शांति और संयम से रहें। क्योंकि लोकतंत्र में शांति और संयम ही सबसे बड़े हथियार हैं। करनाल में पुलिस कार्रवाई का बचाव करने और आन्दोलन के नाम पर हिंसा तोड़फोड़ एवं अराजकता का माहौल पैदा करने का आरोप लगाने वाले हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि उप-मुख्यमंत्री से हरियाणा की जनता का विश्वास पूरी तरह उठ चुका है और लोग उनको सीरियस नहीं लेते। क्योंकि, वो सुबह कुछ कहते हैं और शाम को कुछ और। यह भी पढ़ें- VIDEO: सीएम मनोहर लाल के लिए खरीदी जाएगी 1 करोड़ 10 लाख की गाड़ी यह भी पढ़ें- कांग्रेस विधायकों को साथ लेकर राज्यपाल से मिले भूपेंद्र सिंह हुड्डा, इन मुद्दों को लेकर सौंपा ज्ञापन दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार की किसान विरोधी नीतियाँ, कार्यक्रम और किसान विरोधी कार्रवाई ही किसानों के रोष का सबसे बड़ा कारण है। सांसद दीपेन्द्र ने कहा कि पिछले 9 महीने से ज्यादा समय से किसान शांतिपूर्ण ढंग से आन्दोलन कर रहे हैं और 500 से ज्यादा किसानों ने इस दौरान अपनी जान की कुर्बानी दे दी। बावजूद इसके उनके जख्मों पर मरहम लगाने की बजाय हरियाणा सरकार लगातार उनको जख्म देती आ रही है। उन्होंने पूरे मामले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराने की मांग दोहराते हुए हरियाणा सरकार और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।