नेपाल ने भारत से खरीदी कोरोना वैक्सीन, 1 मिलियन वैक्सीन की खेप काठमांडू पहुंची

By  Arvind Kumar February 22nd 2021 12:31 PM

नई दिल्ली। भारत 'मिशन मैत्री' के तहत अब तक 100 से अधिक देशों को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करवा चुका है। भारत पड़ोसी देशों के साथ-साथ अन्य देशों को भी मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करा रहा है। वहीं कई देश वैक्सीन की खरीद के लिए भारत सरकार से संपर्क साध रहे हैं। इस बीच भारत में बनी 1 मिलियन कोरोना वैक्सीन की खेप नेपाल के काठमांडू पहुंच गई है। नेपाल सरकार द्वारा खरीदे गए टीकों की यह खेप रविवार को काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची। [caption id="attachment_476723" align="aligncenter"]Corona Vaccine Nepal नेपाल ने भारत से खरीदी कोरोना वैक्सीन, 1 मिलियन वैक्सीन की खेप काठमांडू पहुंची[/caption] वहीं वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत मेड इन इंडिया वैक्सीन की खेप रविवार को सर्बिया पहुंची। बेलग्रेड के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण कदम है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्वीट करके कहा- भारत निर्मित वैक्सीन सर्बिया पहुंच गया है। सर्बिया के साथ हमारे संबंध मजबूत हो रहे हैं। [caption id="attachment_476725" align="aligncenter"]Corona Vaccine Nepal नेपाल ने भारत से खरीदी कोरोना वैक्सीन, 1 मिलियन वैक्सीन की खेप काठमांडू पहुंची[/caption] गौरतलब है कि देश में अब तक 1 करोड़ 10 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है। वहीं 1 करोड़ 6 लाख 89 हजार से अधिक लोग स्वस्थ हो चुके हैं। देश में अब रिकवरी रेट बढ़कर 97.25 प्रतिशत हो गई है तो वहीं कोरोना की मृत्यु दर 1.42 प्रतिशत पर बरकरार है। यह भी पढ़ें- जेल में कैदी की पीट-पीट कर हत्या, संजय बुटाना गैंग के बदमाशों पर हत्या का आरोप यह भी पढ़ें- 22 फरवरी से अब बिना रिजर्वेशन के भी ट्रेन में कर सकेंगे सफर [caption id="attachment_476724" align="aligncenter"]Corona Vaccine Nepal नेपाल ने भारत से खरीदी कोरोना वैक्सीन, 1 मिलियन वैक्सीन की खेप काठमांडू पहुंची[/caption] बता दें कि भारत की मदद पाने वालों में अधिकांश उसके पड़ोसी और ऐसे देश हैं जो वैक्सीन का भारी खर्च उठाने में अपेक्षाकृत उतने सक्षम नहीं हैं। वैक्सीन प्राप्त करने वाले देश खुले दिल से भारत की प्रशंसा में जुटे हैं। वहीं संयुक्त राष्ट्र, विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ जैसी संस्थाओं ने भी भारत के इस कदम को सराहा है।

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