गोरखपुर अटैकः आतंकी संगठन के हनी ट्रैप में फंस गया था मुर्तजा, ISIS में होना चाहता था भर्ती
गोरखनाथ मंदिर पर हमले के मामले में हनी ट्रैप का ऐंगल भी सामने आ रहा है। एटीएस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने वाले अहमद मुर्तजा अब्बासी का सारा खेल एक मेल के साथ शुरू, जो ISIS कैंप की एक लड़की की ओर से आया था। मुर्तजा ने बताया कि लड़की के बताए अकाउंट में उसने कई बार पैसे भी ट्रांसफर किए थे। वह आईएसआईएस में जाने की तैयारी भी कर रहा था। अहमद मुर्तजा अब्बासी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि एक लड़की ने अपनी फोटो भेजकर भारत आकर मिलने का वादा किया था। इतना ही नहीं मुर्जता ने मदद के लिए 40,000 रुपये भी भेजे थे। इसके बाद Email के जरिए ही बातचीत शुरू हो गई। इसके बाद अब्बासी ISIS में शामिल होने की तैयारी करने लगा था। इसके बाद उसकी ISIS के लोगों से बातचीत शुरू हो गई। यूपी एटीएस की जांच में ये खुलासा हुआ है कि मुर्तज़ा कट्टरपंथियों के कहने पर जरिमा नाम का जेहादी एप डिजाइन कर रहा था। जरिमा का अरबी अनुवाद जुल्म होता है। एप डिजाइन करने का मकसद इस एप के जरिए उन लोगों को जोड़ना था जो जिहाद के रास्ते पर आना चाहते हैं या जिन्हें लगता था कि मुसलमानों पर जुल्म हो रहा है। केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद मुर्तज़ा ने एप डेवलपर का कोर्स भी किया था। मुर्तजा का साइकलॉजिकल टेस्ट कराएगी पुलिस गोरखपुर में हमला करने वाले मुर्तजा को मानसिक रूप से बीमार बताया गया था। माना जा रहा है कि मुर्तजा को बचाने के लिए गढ़ा गया तर्क था, क्योंकि उसकी पूर्व पत्नी ने इसे खारिज कर दिया था। अब पुलिस मनोवैज्ञानिक जांच कर मुर्तजा का सच सामने लाएगी। इसी कड़ी में यूपी पुलिस अब मुर्तजा का साइकलॉजिकल टेस्ट कराएगी। मुर्तजा के मानसिक बीमारी वाली थ्योरी की पुष्टि के लिए मुर्तजा के दिमागी हालत की जांच कराई जाएगी। वारदात के बाद से ही मुर्तजा के पिता मुनीर अहमद अब्बासी उसे मानसिक रूप से बीमार बता रहे थे। बता दें कि बीते रविवार की शाम को मुर्तजा ने गोरखनाथ मंदिर में तैनात सुरक्षाकर्मियों पर जानलेवा हमला किया था। इसके बाद पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया था। मामले की जांच एटीएस कर रही है।