दिल्ली में बिजली हो सकती है गुल, मेट्रो-अस्पतालों की सेवा पर भी पड़ सकता है असर!
कोयले की कमी के कारण देश में बिजली संकट गहरा गया है। देश में इस समय खपत अधिक है उत्पादन कम है। इसके कारण कई राज्यों में कई घंटों के लंबे कट लग रहे हैं। दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में मेट्रो ट्रेन और अस्पतालों सहित महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निर्बाध बिजली आपूर्ति में संभावित बाधा आने को लेकर चेतावनी दी। दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने स्थिति का आकलन करने के लिए एक आपातकालीन बैठक की और केंद्र को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वह राष्ट्रीय राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों को पर्याप्त कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करें। राजधानी में बिजली आपूर्ति करने वाले पावर प्लांट्स में कोयले की कमी है। ऐसे में मेट्रो ट्रेन और अस्पतालों समेत सभी अहम संस्थानों को बिजली आपूर्ति करने में समस्या आ सकती है। दिल्ली में दादरी पावर प्लांट से जाती है ज्यादातर बिजली दादरी, ऊंचाहार, कहलगांव, फरक्का और झज्जर पावर प्लांट से 1,751 मेगावाट बिजली हर दिन दिल्ली को भेजी जाती है। दिल्ली को ज्यादातर आपूर्ति (728 MW) दादरी -II पावर प्लांट से की जाती है। वहीं, ऊंचाहार से 100 MW बिजली का आपूर्ति होती है। नेशनल पावर पोर्टल की डेली कोल रिपोर्ट के मुताबिक, इन सभी पावर प्लांट्स पर कोयले की कमी है। बता दें कि एनटीपीसी के दादरी-2 और झज्जर (अरावली) स्टेशन की स्थापना मुख्य रूप से दिल्ली में बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए की गई थी। दादरी-2, ऊंचाहार, कहलगांव, फरक्का और झज्जर बिजली संयंत्र दिल्ली को प्रतिदिन 1,751 मेगावाट (मेगावाट) बिजली की आपूर्ति करते हैं। राजधानी को सबसे ज्यादा 728 मेगावाट की आपूर्ति दादरी-2 पावर स्टेशन से मिलती है, जबकि ऊंचाहार स्टेशन से 100 मेगावाट बिजली मिलती है। नेशनल पावर पोर्टल की दैनिक कोयला रिपोर्ट के अनुसार, इन सभी बिजली संयंत्रों को कोयले की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में संकट गहरा सकता है। कुछ इलाकों में शुरू हुई कटौती रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि फिलहाल दिल्ली के कई इलाकों में अघोषित कटौती का दौर शुरू होने की सूचना है। वहीं ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने कहा कि देश भर के थर्मल प्लांट कोयले की कमी से जूझ रहे हैं, जो देश में बिजली संकट का संकेत हैं।