1 मई को होगा जयराम सरकार का जनमंच कार्यक्रम, बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक है ये 'मंच'
हिमाचल में जयराम सरकार ने 26वें जनमंच कार्यक्रम के लिए शेड्यूल जारी कर दिया है। 1 मई को आयोजित होने वाले कार्यक्रम के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कैबिनेट मंत्री तय विधानसभा क्षेत्रों में लोगों की समस्याएं सुनेंगे। जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह जिला कुल्लू के सदर में लोगों की समस्याएं सुनेंगे। सुरेश भारद्वाज जिला शिमला के कसुम्पटी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी कांगड़ा के फतेहपुर, जनजातीय मंत्री रामलाल मारकंडा लाहौल-स्पीति के लाहौल, पंचायतीराज मंत्री वीरेंद्र कंवर ऊना के हरोली, बिक्रम सिंह सिरमौर के शिलाई, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर मंडी के सदर, स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल किन्नौर, ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी सोलन के नालागढ़, वन मंत्री राकेश पठानिया चंबा के भरमौर, खाद्य आपूर्ति मंत्री हमीरपुर के नादौन और डिप्टी स्पीकर हंस राज बिलासपुर में बिजली, पानी, सड़क संबंधित जन समस्याएं सुनेंगे। जयराम सरकार ने शुरू किया था जनमंच 2017 विधानसभा चुनाव में हिमाचल में कमल खिला और बीजेपी की सरकार (When was JanManch started) बनी। दिसंबर में नई सरकार का शपथ ग्रहण होने के करीब छह महीने बाद ही जयराम सरकार ने जनमंच की शुरुआत कर दी और 3 जून 2018 को पहला जनमंच कार्यक्रम आयोजित किया गया। उसके बाद से लगातार जनमंच कार्यक्रम आयोजित कर लोगों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। 1 मई 2022 को 26वां जनमंच कार्यक्रम है। बीजेपी कई बार मंच से इस कार्यक्रम की तारीफ कर चुकी है। जयराम का ये ड्रीम कार्यक्रम है। आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी इसे मास्टर स्ट्रोक की तरह भुना सकती है। क्या है जनमंच जनमंच का लक्ष्य है सरकार जनता के द्वार, यानि कि आपकी समस्याओं के समाधान के लिए आपको सरकार के पास नहीं जाना होगा बल्कि सरकार आपके पास आएगी। जनमंच कार्यक्रम के तहत महीने के किसी रविवार को मंत्रियों की ड्यूटी लगाई जाती है। कार्यक्रम का आयोजन प्रदेश के सभी जिलों में एक साथ होता है और मंत्रियों की जिलेवार ड्यूटी लगाई जाती है। कार्यक्रम में मंत्री के अलावा जिले के अधिकारी भी मौजूद रहते हैं और जनमंच में पहुंची जनता अपनी समस्या मंत्री तक पहुंचाती है। इनमें से कई समस्याओं का समाधान मौके पर ही कर दिया जाता है। कोरोना काल में लगा बंद हो गया था कार्यक्रम बीते करीब दो साल से कोरोना ने दुनियाभर की मुश्किलें बढ़ाई हैं, कोरोना का असर जनमंच पर भी पड़ा। साल 2020 में लॉकडाउन और अन्य पाबंदियां लगने के दौरान जनमंच कार्यक्रम नहीं हो पाए। लगभग एक साल के बाद फरवरी 2021 में जनमंच कार्यक्रम शुरू हुआ। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के बाद इसे फिर से रोकना पड़ा। बीते साल नवंबर के बाद भी जनमंच कार्यक्रम नहीं हो पाया था, जो इस साल अप्रैल में शुरू हुआ है। 24वां जनमंच नवंबर 2021 और 25वां जनमंच 3 अप्रैल 2022 को आयोजित किया गया था। 56 हजार शिकायतें आईं 25 वां जनमंच 3 अप्रैल को आयोजित किया गया। प्रदेश के सभी जिलों में जनता की 919 शिकायतें सामने आई थी। हिमाचल में अब तक 260 से अधिक स्थानों पर 56 हजार के करीब शिकायतें जनमंच के माध्यम से आई हैं और सरकार के मुताबिक इनमें से 90% का समाधान किया जा चुका है। राज्य में मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन 11 पर भी 3।60 लाख शिकायतें आई हैं जिनमें से 3.45 लाख का समाधान किया जा चुका है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप (Himachal BJP President Suresh Kashyap) का कहना है कि जनमंच कार्यक्रम के जरिए आम जनता को मौके पर ही अपनी समस्याओं का हल मिल जाता है। वहीं,केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी हिमाचल सरकार की इस पहल की सराहना कर चुके हैं।