हुड्डा का आरोप- भर्तियां करने की बजाए, रद्द करने में जुटी है सरकार

By  Arvind Kumar June 21st 2021 07:27 PM

चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक के बाद एक सरकारी भर्तियां रद्द करने के फैसले पर असंतोष जताते हुए कहा कि पीजीटी संस्कृत और टीजीटी इंग्लिश समेत कई भर्तियों को रद्द करने के बाद अब सरकार ने जूनियर सिस्टम असिस्टेंट इंजीनियर की भर्ती भी रद्द कर दी। भर्ती के लिए चयनित उम्मीदवारों ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को ज्ञापन देकर बताया कि सरकार ने किस तरह उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। हुड्डा के मुताबिक सरकार ने दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम में 146 पदों के लिए भर्ती निकाली थी। लेकिन भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब सरकार कह रही है कि महकमे को जूनियर सिस्टम इंजीनियर की जरूरत ही नहीं है। जरूरत पड़ेगी तो हारटोन के जरिए कच्चे कर्मचारी रख लेंगे । सरकार के इस फैसले से 146 परिवारों को बहुत बड़ा आघात पहुंचा है। क्योंकि भर्ती में चयन होने के बाद इन युवाओं ने वहां से भी त्यागपत्र दे दिया, जहां ये पहले नौकरी कर रहे थे। अब इनके हाथ में ना सरकारी नौकरी है और ना ही पहले वाला रोजगार। Congress Leader Bhupinder Singh Hoodaयह भी पढ़ें- कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगवाने वालों को 25% का डिस्काउंट यह भी पढ़ें- किसान आंदोलन के दौरान सेवा करने वाले समाजसेवी रामसिंह राणा सम्मानित Hooda on Haryana Govt नेता प्रतिपक्ष ने चयनित उम्मीदवारों कि सुनने के बाद कहा कि ऐसा लगता है इस सरकार में भर्तियों को रद्द करना एक रिवाज बन गया है। कभी सरकारी खामियों, कभी पेपर लीक, कभी भ्रष्टाचार तो कभी दूसरी वजहों से भर्तियां रद्द हो रही हैं। सरकार की कारगुजारी का खामियाजा पढ़े-लिखे युवाओं को भुगतना पड़ रहा है। CBI in in AJL Plot case on Bhupinder Singh Hooda: कोर्ट ने तय किए आरोपभूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार का काम भर्तियां करना होता है, उन्हें रद्द करना नहीं। सरकार को समझना चाहिए कि आज हरियाणा का युवा देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहा है। विकराल रूप लेती जा रही बेरोजगारी को काबू करने के लिए जरूरी है कि सरकार ज्यादा से ज्यादा और जल्दी से जल्दी भर्तियां करें। हुड्डा ने कहा कि अलग-अलग सरकारी महकमों में हजारों पद खाली पड़े हुए हैं। लेकिन सरकार उन्हें भरने का काम नहीं कर रही है। पक्की भर्तियां करने के बजाए ठेका प्रथा को बढ़ावा दिया जा रहा है, ठेकदारी प्रथा को हमने खत्म करने का प्रयास किया था।

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