किसानों के संसद मार्च में शरारती तत्वों के घुसने के इनपुट, फूंक फूंक कर कदम रख रहे किसान नेता
टीकरी बॉर्डर बहादुरगढ़। (प्रदीप धनखड़) किसानों के 22 जुलाई को होने वाले संसद मार्च में शरारती तत्व और खालिस्तानियों के घुसने के इनपुट मिलने से किसान नेता फूंक फूंक कर कदम रख रहे हैं। किसान नेता 22 जुलाई को संसद मार्च में शामिल होने वाले किसानों के बनाए पहचान पत्र बनाएंगे। जत्थेबंदी का लीडर मार्च में शामिल होने वाले हर किसान की पहचान करेगा।
वहीं आंदोलन में शामिल करीब 50 जत्थेबंदियों से 5 किसान संसद मार्च में शामिल होंगे। 22 जुलाई को 200 किसान संसद मार्च के लिए दिल्ली कूच करेंगे। किसानों का कहना है कि अगर सरकार किसानों को गिरफ्तार करेगी तो भी किसान मार्च नहीं रोकेंगे। किसान हर हाल में संसद मार्च को पूरा करेंगे।
किसानों ने 26 जनवरी की हिंसा को किसानों ने प्रायोजित करार दिया है। लेकिन अब होने वाले संसद मार्च के दौरान कोई शरारती तत्व किसानों के बीच शामिल ना हो किसान नेता इसका पूरा ध्यान रख रहे हैं।
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किसान करीब 8 महीने से कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। अब आंदोलन को और तेज किया जा रहा है। गुरनाम सिंह चढूनी के पंजाब फतेह वाले बयान पर भी किसान नेता अमरीक का कहना है कि किसानों का चुनाव से कोई सरोकार नहीं है। किसान तो सिर्फ कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं और कृषि कानूनों के वापस होने के बाद ही आंदोलन खत्म होगा।