हथिनीकुंड बैराज पर गहराया जल संकट ! बारिश और बर्फबारी की कमी का दिखने लगा असर
मौजूदा समय में न्यूनतम पानी 1700 क्यूसेक तो अधिकतम 6500 क्यूसेक दर्ज किया गया है। इसी महीने 1400 क्यूसेक पानी भी रिकार्ड किया गया था. फिलहाल 1500 क्यूसेक पानी काफी कम बताया जा रहा है
ब्यूरो: यमुनानगर जिले में हथिनीकुंड बैराज पर जल संकट
गहरा गया है। दरअसल पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश न होने और बर्फबारी की वजह से
हथिनी कुंड बैराज से पर्याप्त पानी यूपी, दिल्ली और यमुना कैनाल में नहीं दिया जा रहा है। पानी की कम मात्रा की वजह
से हाईडल प्रोजेक्ट की कई यूनिट बंद हो गई है।
हथिनीकुंड
बैराज के गेज रीडर शेर सिंह ने बताया कि मौजूदा समय में न्यूनतम पानी 1700 क्यूसेक तो अधिकतम 6500
क्यूसेक दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया इसी महीने 1400 क्यूसेक पानी भी रिकार्ड किया गया था।
ऐसे में उत्तर प्रदेश (WJC)को करीब 9000 क्यूसेक पानी दिया जाता है लेकिन कम मात्रा की वजह से महज
3000 क्यूसेक पानी ही दिया जा रहा है जबकि EJC को 1500 क्यूसेक पानी दिया जाता था लेकिन उसे भी 800
क्यूसेक पानी ही दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि डिमांड के हिसाब
से पानी कम है।
शेर
सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यमुना और दिल्ली को प्राप्त मात्रा
में ही पानी दिया जा रहा है। उन्होंने अभी बताया कि यह हालत मार्च तक रहेंगे।
ऐसे
में अगर पानी का संकट ऐसे ही रहा तो कई जिले
पानी से ग्रस्त हो सकते हैं . आपको यह भी बता दें कि मॉनसून सीजन में हथिनीकुंड
बैराज से 8 लाख
क्यूसेक पानी तक भी दर्ज किया गया है, जिससे कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात भी
पैदा हो गए थे. फिलहाल 1500 क्यूसेक पानी काफी कम बताया जा
रहा है।