Uttarakhand Forest Fire: चमोली में आगजनी को बढ़ावा देने के आरोप में बिहार के 3 लोग गिरफ्तार

उत्तराखंड पुलिस ने बीते दिन को राज्य में जंगल में लगी आग को बढ़ावा देने के आरोप में बिहार के 3 लोगों को गिरफ्तार किया है।

By  Deepak Kumar May 5th 2024 10:35 AM

ब्यूरोः उत्तराखंड पुलिस ने बीते दिन को राज्य में जंगल में लगी आग को बढ़ावा देने के आरोप में बिहार के 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हुए एक वीडियो में तीनों युवक जंगल में लगी आग को बढ़ावा दे रहे थे।

कथित वीडियो में एक युवक को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि आग से खेलने वालों को कोई चुनौती नहीं देता और बिहारियों को कभी चुनौती नहीं दी जाती। आरोपियों की पहचान बिहार के रहने वाले बृजेश कुमार, सलमान और शुखलाल के रूप में हुई है। उत्तराखंड पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि उन पर भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 और भारतीय दंड संहिता की कई अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।


इस घटना को लेकर एसपी सर्वेश पंवार ने बताया कि यह घटना चमोली जिले के गैरसैंण इलाके में हुई। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे जंगलों में आग न लगाएं और न ही इसे बढ़ावा दें क्योंकि यह दंडनीय अपराध है। एसपी ने कहा कि जो लोग कानून का पालन नहीं करेंगे, उन्हें दंडित किया जाएगा।।

इससे पहले उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने कहा कि राज्य में वनों की आग के संबंध में 9 जिलों में कई मामले दर्ज किए गए हैं। अधिकारी ने कहा कि एक समन्वित योजना के अनुसार, पुलिस और वन विभाग वनों की आग से प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करेंगे और जांच करेंगे कि आग दुर्घटनावश लगी या जानबूझकर लगी। उत्तराखंड के डीजीपी ने कहा कि यह ध्यान देने योग्य बात है कि उत्तराखंड का 70 प्रतिशत हिस्सा वनों से घिरा हुआ है। इससे वन और वन्यजीव संरक्षण न केवल वन विभाग बल्कि पुलिस विभाग के लिए भी सर्वोच्च प्राथमिकता का विषय बन जाता है।" उन्होंने कहा, "हमने इस वर्ष प्राप्त सूचनाओं के आधार पर पूरे राज्य में विभिन्न वनों में वनों की आग के मुद्दे को अत्यंत गंभीरता से लिया है।

वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में जंगल में आग लगने की घटनाओं से निपटने के लिए अग्रिम तैयारियों की आवश्यकता पर बल दिया था। उन्होंने कहा था कि मुख्यालय के सभी वरिष्ठ अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। साथ ही, जिला अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए और इस पर पूरा नियंत्रण होना चाहिए।

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