ऑनलाइन पढ़ाई में अश्लील एड देखता रह गया छात्र, फेल होने पर कोर्ट में YOUTUBE से मांगा 75 लाख का जुर्माना
आजकल ऑनलाइन कक्षाओं के जरिए छात्रों को पढ़ाई करने में ज्यादा कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ रहा है। छात्रों को घर बैठे ही हर विषय की जानकारी और हर समस्या का समाधान घर बैठे निशुल्क मिल जाता है। इसके लिए उन्हें किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ता है।
ऑनलाइन लेक्चर के दौरान कई ऐड भी आते हैं, जिन्हें छात्रों को जबरन देखने के लिए मजबूर भी होना पड़ता है। यूट्यूब पर उपलब्ध इन वीडियोज के बीच आने वाले विज्ञापनों में अश्लील कंटेंट भी होता है। यूट्यूब पर पढ़ाई करने वाले छात्र ने इस अश्लील एड को फेल होने का जिम्मेदार ठहराया और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए यूट्यूब से 75 लाख रुपए का हर्जाना मांगा।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान स्टूडेंट की याचिका को सबसे घटिया याचिका करार देते हुए केस को खारिज कर दिया। साथ ही कोर्ट का समय बर्बाद करने के लिए स्टूडेंट पर 25 हजार रुपए का फाइन लगा दिया।
सुप्रीम कोर्ट में इसी मामले में जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस ओक की पीठ में गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई हुई थी। इस दौरान पीठ ने छात्र की याचिका पर नाराजगी जताते हुए याचिका को सबसे घटिया करार दिया इसे खारिज कर दिया। पीठ ने कहा, 'यदि आप विज्ञापन नहीं देखना चाहते तो न देखें। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि यह याचिका दिलचस्प तो है, लेकिन बेहद बेतुकी भी है।'
दरअसल मध्य प्रदेश का छात्र आनंद प्रकाश चौधरी यूट्यूब की मदद से एमपी पुलिस भर्ती परीक्षा के लिए ऑनलाइन एजुकेशनल वीडियो से पढ़ाई करता था। कई बार वीडियो के बीच में अश्लील विज्ञापन भी आते रहते थे। इसी के चलते आनंद प्रकाश का पढ़ाई से मन भटकता था।