शिमला आपदा: 4 साल की खुशी की कहानी सुन, रोक नहीं पाएंगे आंसू! पहले उठा माता-पिता का साया, अब भूस्खलन की चपेट में आया घर

शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में कुदरत का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. हालात ऐसे हो गए हैं कि लोग अब डर के साए में रहने को मजबूर हैं. वहीं इन्हीं लोगों के बीच एक मासूम भी है, जिसके जीवन में पहले ही बहुत दुख थे और अब इस कुदरत के कहर ने उसके सिर से छत भी छीन ली है, लेकिन उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आज भी ज्यों की त्यों है.

By  Shagun Kochhar August 25th 2023 03:59 PM -- Updated: August 25th 2023 07:28 PM

शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में कुदरत का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. हालात ऐसे हो गए हैं कि लोग अब डर के साए में रहने को मजबूर हो गए हैं. वहीं इन्हीं लोगों के बीच एक मासूम भी है, जिसके जीवन में पहले ही बहुत दुख थे और अब इस कुदरत के कहर ने उसके सिर से छत भी छीन ली है, लेकिन उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आज भी ज्यों की त्यों है.


आशियाने छोड़ शिविरों में रह रहे लोग

कृष्णा नगर वार्ड में पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा धंस गया. लैंडस्लाइड की जद में कई घर आ गए. अब लोग शेल्टर होम में रहने को मजबूर हो गए हैं. बात शिमला के कृष्णा नगर की करें तो बारिश के कहर के कारण यहां के लोग, अपनी मेहनत के बनाए घरों को छोड़कर राहत शिविरों में रहने को मजबूर हो गए हैं.


किस्मत में दुख, लेकिन चेहरे पर मुस्कान

चलिए अब आपको मिलवाते हैं कृष्णा नगर में रहने वाली 4 साल की खुशी से. जिसके हिस्से में दुखों के पहाड़ के अलावा कुछ नहीं है, फिर भी वो खुश है. दरअसल, बचपन में ही खुशी के माता-पिता का देहांत हो गया था. एक हादसे ने खुशी के सिर से माता-पिता का साया छीन लिया. खुशी अपने मुंह बोली नानी और मामा के साथ अपना जीवन व्यतीत कर रही थी कि अब इस प्राकृतिक आपदा के कारण उसके सिर से छत भी छिन गई है. दरअसल, खुशी के मुंह बोले मामा का घर आपदा में ढह गया.


हिमाचल में तबाही!

अब खुशी राहत शिविर में रह रही है, लेकिन भविष्य की मुसीबतों से अंजान खुशी खुश है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस साल मानसून के कारण हिमाचल प्रदेश में मरने वालों की संख्या 327 से ज्यादा है. वहीं राज्य को 7 हजार 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है. 



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