हार की समीक्षा के लिए बनी कांग्रेस कमेटी पर शमशेर सिंह गोगी ने उठाए सवाल, लगाए सनसनीखेज आरोप !

शमशेर गोगी के मुताबिक वे इस कमेटी से बिल्कुल संतुष्ट नहीं हैं. कमेटी में कुछ लोग ऐसे होने चाहिए थे जो मुद्दों पर विरोध कर रहे हैं मसलन कैप्टन अजय सिंह यादव, बीरेंद्र सिंह सरीखे वरिष्ठ नेता जो अनुभवी भी हैं.

By  Baishali November 5th 2024 01:36 PM

करनाल: विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस पार्टी की तरफ से अब 8 सदस्यीय कमेटी नियुक्त कर दी गई है जो एक सप्ताह में विधानसभा चुनाव में मिली हार के कारणों की रिपोर्ट बनाकर आलाकमान को सौंपेगी. कमेटी, कांग्रेस के विधायकों और 90 विधानसभा पर चुनाव लड़े कांग्रेस के उम्मीदवारों से चर्चा के आधार पर ये रिपोर्ट बनाएगी. लेकिन अब कांग्रेस के पूर्व विधायक शमशेर सिंह गोगी ने इस कमेटी पर सबसे पहले सवालिया निशान उठाया है. उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष उदयभान और प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. 


पूर्व विधायक शमशेर सिंह गोगी ने कहा कि जिन लोगों की कमियां है उन लोगों ने 8 सदस्य कमेटी में अपने-अपने आदमी बिठा दिए हैं, ताकि हर में उनका नाम ना आए . जब असलियत ही सामने नहीं आएगी तो पार्टी में किस तरह से सुधार होगा, जिन्होंने कभी अध्यक्ष की जिम्मेदारी नहीं निभाई वो रिपोर्ट कैसे बनाएंगे. गोगी यही नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि वे इस कमेटी से बिल्कुल संतुष्ट नहीं हैं. गोगी के मुताबिक कमेटी में कुछ लोग ऐसे होने चाहिए थे जो विरोध कर रहे हैं मसलन कैप्टन अजय सिंह यादव, बीरेंद्र सिंह सरीखे वरिष्ट नेता जो अनुभवी हैं.


शमशेर सिंह गोगी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा कहती है कि वो बिना पर्ची बिना खर्ची के नौकरी देती है ऐसे में मैं कहता हूं कि बीजेपी बिना पर्ची बिना खर्ची के चुनाव लड़कर दिखा दे. गोगी ने दावा किया कि कांग्रेस ने बिना पर्ची बिना खर्ची के चुनाव लड़ा है और 52000 वोट हासिल की है. 


वहीं सीएलपी लीडर अभी तक नहीं नियुक्त किए जाने के मुद्दे पर भी गोगी काफी असंंतुष्ट दिखे. उन्होंने कहा कि कोई भी सीएलपी लीडर बने लेकिन उसकी नीयत साफ होनी चाहिए,  वह पार्टी के बारे में सोचे और पार्टी को मजबूत करने की सोच रखे, साथ ही पक्का कांग्रेसी ही हो. 



शमशेर गोगी ने कहा कि हाई कमान जिसे भी प्रदेश अध्यक्ष बनाएगी हम उसके साथ हैं. गोगी के मुताबिक पार्टी का काफी नुकसान हो चुका है. उन्होंने सवाल किया कि जब एक ही पार्टी के नेता एक दूसरे के खिलाफ लड़ने लगे तो नतीजा वही होता है जो इस बार हुआ है.  

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