सोनीपत में रिटायर्ड अधिकारी हुआ साइबर ठगी का शिकार, डिजिटल अरेस्ट कर ठगों ने ऐंठे 1 करोड़ 78 लाख रुपए !
सोनीपत के मॉडल टाउन के निवासी विनोद चौधरी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि 6 नवंबर को उसके फोन पर एक नंबर से वॉट्स ऐप कॉल आई. लगातार दो बार ये कॉल आई और कॉल में उन्हें बताया कि उनके नाम पर मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज हुआ और उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वॉरंट है. यहां तक कि ठगों ने उन्हें वॉट्स ऐप पर FIR DL1045_1024 की डिटेल भी बताई
ब्यूरो: सोनीपत में साइबर ठगी का एक बड़ा और सनसनीखेज मामला सामने आया है.
ठगों ने रिटायर्ड अधिकारी को इस बार झांसे में लेकर 1
करोड़ 78 लाख रुपए ठग लिए. ठगों ने अधिकारी को
भरोसे में लेने के लिए वॉट्सऐप पर अरेस्ट वॉरंट तक भेज दिया. लगातार दो दिन उसे
उसकी पत्नी के साथ होटल में डिजिटल अरेस्ट रखा और फोन का कैमरा ऑन रखवाया गया.
आइए अब जानते हैं पूरी कहानी क्या है. सोनीपत के मॉडल टाउन के
निवासी विनोद चौधरी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि 6
नवंबर को उसके फोन पर एक नंबर से वॉट्स ऐप कॉल आई. लगातार दो बार ये कॉल आई और कॉल में उन्हें बताया कि उनके नाम पर
मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज हुआ और उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वॉरंट है. यहां तक कि
ठगों ने उन्हें वॉट्स ऐप पर FIR DL1045_1024 की डिटेल भी
बताई.
पीड़ित विनोद चौधरी के मुताबिक घटना के वक्त वो किसी रिश्तेदार
की मौत होने के कारण फरीदाबाद में थे. उन्होंने कॉल करने वाले से कहा कि वो 11
नवंबर को सोनीपत आएंगे. इसके बाद 12 नवंबर को
दोबारा फोन आया और उन्हें अरेस्ट वॉरंट भेजा गया. फोन करने वालों ने धमकाते हुए
उनसे पूरी फैमिली डिटेल्स और बैंक की जानकारी मांगी. 13
नवंबर को फिर कॉल आई और पूरे दिन की दिनचर्या की डिटेल मांगी गई.
विनोद चौधरी के मुताबिक उन्होंने पूरी जानकारी लिखित में दी.
विनोद चौधरी के मुताबिक 14 से 20 नवंबर के बीच ठगों की डिमांड के मुताबिक वो
लगातार कई बैंक खातों से पैसे भेजते रहे और इस तरह 1 करोड़ 78
लाख रुपए उन्होंने RTGS के ज़रिए ट्रांसफर कर
दिए. विनोद चौधरी ने बताया कि दूसरा नंबर जो उनकी पत्नी के पास था, 16 नवंबर के बाद उसपर भी वॉट्स ऐप कॉल आने शुरू हो गए. अब उससे RTGS ट्रांसफर की डिटेल मांगी गई. इतना ही नहीं, 17 नंवबर को उनसे कहा गया कि सुरक्षा कारणों से वो अपना घर छोड़कर किसी होटल में
जाकर रुकें.
विनोद चौधरी ने दी शिकायत में बताया है कि कॉल करने वाले के
कहने पर वो घर छोड़कर एक होटल में जा रुके. 18 नवंबर की रात तक वो होटल में ही रुके. उसी दौरान RTGS ट्रांसफर की डिटेल मांगी गई. ये सबकुछ 12 नवंबर से
लगातार चल रहा था. जब आरोपी लगातार पैसे ट्रांसफर करने की बात कहने लगे तब जाकर
उन्हें शक हुआ कि उनके साथ ठगी हो रही है. जिसके बाद उन्होंने साइबर सेल को
जानकारी दी तो पता चला कि वो साइबर ठगी का शिकार हो चुके हैं.
फिलहाल साइबर थाना सोनीपत ने विनोद चौधरी की शिकायत पर केस
दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. लेकिन इस केस ने एक बार डिजिटल अरेस्ट की भयावहता को
उजागर कर दिया है.