काशी में मुस्लिम महिला उर्दू में कर रही हैं रामचरित मानस का अनुवाद
गंगा-जमुनी तहजीब का ये शहर हिन्दुओं और मुस्लिमों की भावनाओं को हमेशा जोड़ने का काम करता रहा है। इसी की एक और कड़ी जोड़ने का काम कर रही हैं धार्मिक नगरी काशी की नाजनीन। मुस्लिम होने के वावजूद नाजनीन तुलसी दास द्वारा लिखी गयी राम चरित्र मानस का उर्दू अनुवाद करने में लगी हैं।
वाराणसी: गंगा-जमुनी तहजीब का ये शहर हिन्दुओं और मुस्लिमों की भावनाओं को हमेशा जोड़ने का काम करता रहा है। इसी की एक और कड़ी जोड़ने का काम कर रही हैं धार्मिक नगरी काशी की नाजनीन। मुस्लिम होने के वावजूद नाजनीन तुलसी दास द्वारा लिखी गयी राम चरित्र मानस का उर्दू अनुवाद करने में लगी हैं।
नाजनीन राम चरित्र मानस का अब तक अयोध्या कांड का उर्दू में अनुवाद कर चुकी हैं। इसके पहले हनुमान चालीसा, दुर्गा चालीसा और साईं चालीसा का भी उर्दू में अनुवाद कर नाजनीन सामाजिक सौहार्द का ताना बाना बुन चुकी हैं।
नाजनीन का मानना है कि तुलसी दास की ओर से लिखी गई राम चरित मानस का उर्दू में अनुवाद कर रही हैं, जिससे कि हमारे देश के मुस्लिम लोग भी राम चरित मानस को पढ़े और भगवान राम के बारे में जान सकें। अब तक अयोध्या कांड तक का उर्दू अनुवाद हो गया है। यही नहीं नाजनीन इसके पहले हनुमान चालीसा, दुर्गा चालीसा,और साईं चालीसा का भी उर्दू में अनुवाद कर चुकी हैं। साथ ही नाजनीन अकबर के जीवन वृत्त को पड़कर राम आरती का भी उर्दू में अनुवाद किया है। नाजनीन बड़ी ही सादगी के साथ भगवान राम के चरणों में बैठकर नियमित उर्दू अनुवाद करती हैं।