वनरक्षक भर्ती के दौरान दिखी कछुए और खरगोश की दौड़, यहां भी जीत गया कछुआ, कैसे ? जानिए पूरा मामला...
वनरक्षक भर्ती के दौरान कछुए और खरगोश की कहानी एक बार फिर दोहराई जहां सबसे आगे दौड़ रहे युवक को नींद आ गई और रेस खत्म हो गई। जिसमें कोई और जीत गया।
ब्यूरो: कछुए और खरगोश की कहानी सबने पढ़ी और सुनी है। उस कहानी में यह बताया गया है कि खरगोश जिसे अपने पर पूरा भरोसा था कि वह रेस जीत जाएगा। लेकिन अंत में वह कछुए से रेस हार जाता है। यह तो थी एक कहानी जिसमें हमें बहुत कुछ सीखने को मिला। अब आपको हकीकत में हम एक सच्ची घटना बताने जा रहे हैं जो पूरी तरह खरगोश और कछुए की कहानी से मिलती है।
यहां जाने पूरा मामला
इस कहानी का दृश्य मध्य प्रदेश के खंडवा से है। जहां कल यानि बीते मंगलवार को वनरक्षकों की भर्ती के लिए दौड़ रखी गई थी। इस भर्ती में 24 किलोमीटर की दौड़ को 4 घंटे में पूरा करना था। जिसके लिए 61 युवाओं ने एक साथ दौड़ शुरू की।
इन 61 युवाओं में एक 21 वर्षीय युवा डबरा से आया हुआ था। जिसका नाम पहाड़ सिंह था। वह भी भर्ती होने के लिए रेस में दौड़ा और सबसे आगे निकल गया। पहाड़ सिंह ने 3 घंटे में 21 किलोमीटर की दूरी तय कर ली थी। जिसके बाद उसने पीछे मुड़ कर देखा तो उसे दूर-दूर तक कोई दिखाई नहीं दिया। पहाड़ सिंह ने देखा कि दूर- दूर तक कोई नहीं है तो थोड़ा आराम कर लिया जाए। जिसके बाद वह सड़क के किनारे खड़े डंपर की आड़ में लेट कर आराम करने लगा और उसे नींद पड़ गई।
जिसके बाद दौड़ जब खत्म हो गई तो अधिकारियों द्वारा धावकों की गिनती की जाने लगी। गिनती के दौरान पहाड़ सिंह गायब पाया गया। उसे ढूंढने के लिए वन अधिकारी गाड़ी लेकर निकले तो वह सड़क किनारे सोता हुआ पाया गया। उठने के बाद उसे पता चला कि रेस खत्म हो गई है। जबकि बाकी सभी 60 युवाओं ने रेस की परीक्षा पास कर ली है।
ऐसे में यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि थोड़े से आलस के कारण पहाड़ सिंह एक अहम रेस हार गया। इस खबर को पढ़ने के बाद अब सबको खरगोश और कछुए की कहानी एक बार फिर याद आ रही है।