International Women's Day 2024: ये हैं महिलाओं के 8 खास अधिकार, इन्हें जानना बेहद जरूरी, अपने राइट्स का करें इस्तेमाल

By  Deepak Kumar March 7th 2024 07:56 AM

ब्यूरो: हर साल 8 मार्च को विश्व स्तर पर बड़े उत्साह के साथ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का महत्व महिलाओं की भागीदारी (Women Empowerment) को बढ़ावा देना और उन्हें उनके अधिकारों (Women's Right) के प्रति जागरूक करना है। भारतीय संविधान ने महिलाओं (Women's Day 2024) को कई अधिकार दिए हैं, जो उनकी समानता की लड़ाई को आसान बना सकते हैं। तो आइए जानते हैं उन अधिकारों के बारे में जिनके बारे में हर भारतीय महिला को पता होना चाहिए।।।

महिलाओं के 8 विशेष अधिकार

समान वेतन

इस कानून के अनुसार महिलाओं को समान काम के लिए समान वेतन का अधिकार है। बता दें कि भारतीय संविधान यह सुनिश्चित करता है कि लिंग के आधार पर वेतन, पारिश्रमिक या मजदूरी के मामले में कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता है।

महिला की उपस्थिति में किया जाना चाहिए चिकित्सीय परीक्षण

भारतीय संविधान के अनुसार, यदि किसी महिला पर किसी आपराधिक अपराध का आरोप लगाया जाता है, तो उसकी मेडिकल जांच किसी अन्य महिला द्वारा या उसकी उपस्थिति में की जानी चाहिए, ताकि किसी भी स्थिति में महिला की गरिमा के अधिकार का उल्लंघन न हो सके। बता दें कि यह प्रावधान महिलाओं की निजता की रक्षा करता है और कानूनी कार्यवाही में सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित करता है।

कार्यस्थल में महिलाओं का यौन उत्पीड़न अधिनियम

  यह अधिनियम महिलाओं को कार्यस्थल पर किसी भी प्रकार के यौन उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का अधिकार देता है। बता दें कि यह अधिनियम शिकायतों के निवारण के लिए आंतरिक शिकायत समितियों की स्थापना की भी वकालत करता है, जो महिलाओं के लिए एक सुरक्षित कार्यस्थल बना सकती है।

भारत के संविधान का अनुच्छेद 498

यह धारा महिलाओं को मौखिक, वित्तीय, भावनात्मक और यौन शोषण सहित घरेलू हिंसा से बचाती है। साथ ही, अगर पीड़ित महिलाएं इस धारा के तहत शिकायत दर्ज कराती हैं, तो अपराधियों को गैर-जमानती कारावास का सामना करना पड़ सकता है।

यौन अपराध पीड़ितों के लिए

यौन अपराधों की शिकार महिलाओं की गोपनीयता और गरिमा की रक्षा के लिए, महिलाओं को अकेले जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष या महिला पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में अपना बयान दर्ज कराने का अधिकार है।

निःशुल्क कानूनी सहायता

कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम के तहत, बलात्कार पीड़िताएं मुफ्त कानूनी सहायता की हकदार हैं। यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि महिला पीड़ितों को इस कठिन समय के दौरान पर्याप्त और मुफ्त कानूनी सहायता मिल सके, ताकि उन्हें न्याय पाने में कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।

गिरफ़्तारी से सम्बंधित

असाधारण परिस्थितियों को छोड़कर महिलाओं को सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। ऐसा प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के आदेश से भी किया जा सकता है। क्योंकि कानून कहता है कि पुलिस किसी महिला आरोपी से केवल महिला कांस्टेबल और परिवार के सदस्यों या दोस्तों की मौजूदगी में ही पूछताछ कर सकती है।

आईपीसी की धारा 354 डी

यह उन व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने में सक्षम बनाता है जो व्यक्तिगत बातचीत या इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के माध्यम से बार-बार महिलाओं का पीछा करते हैं। यह प्रावधान पीछा करने के अपराध को संबोधित करता है और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

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