28 नवंबर से शुरू होगा अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव, तंजानिया कंट्री पार्टनर, उड़ीसा होगा सहयोगी राज्य

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने गीता के संदेश को घर-घर पहुंचाने की अपील की। उन्होंने कहा कि गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने का मार्गदर्शक है

By  Baishali November 22nd 2024 01:50 PM

ब्यूरो: इस साल अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की शुरुआत 28 नवंबर से होगी और आयोजन 15 दिसंबर तक चलेगा. ये जानकारी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चंडीगढ़ में प्रेसवार्ता के दौरान दी. सीएम ने इस साल के गीता जयंती समारोह की रूपरेखा पर चर्चा की। इस अवसर पर उड़ीसा के कैबिनेट मंत्री और तंजानिया की हाई कमिश्नर ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिससे इस आयोजन की वैश्विक और सांस्कृतिक महत्ता और अधिक बढ़ गई।


उड़ीसा और तंजानिया बने पार्टनर

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि इस वर्ष गीता जयंती समारोह के साझेदार उड़ीसा और तंजानिया होंगे। यह साझेदारी न केवल भारत की सांस्कृतिक विविधता को उजागर करती है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गीता के संदेश को प्रसारित करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। तंजानिया की हाई कमिश्नर की उपस्थिति ने इस आयोजन को वैश्विक मंच पर और अधिक प्रासंगिक बना दिया।

कुरुक्षेत्र में होगा भव्य आयोजन

गीता जयंती समारोह, जो हर साल कुरुक्षेत्र में आयोजित किया जाता है, इस बार 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक चलेगा। यह आयोजन, जिसमें आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक गतिविधियां शामिल होंगी, दुनियाभर से आए श्रद्धालुओं और गीता प्रेमियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र होगा।

स्वामी ज्ञानानंद की उपस्थिति

इस प्रेस वार्ता में प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु स्वामी ज्ञानानंद भी शामिल हुए। उन्होंने गीता के सार्वभौमिक संदेश पर प्रकाश डाला और बताया कि यह आयोजन कैसे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम बन सकता है।

आयोजन की खासियतें

28 नवंबर: गीता जयंती समारोह की औपचारिक शुरुआत।

15 दिसंबर तक: कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, धार्मिक अनुष्ठान, और गीता पर संगोष्ठियां आयोजित की जाएंगी।

अंतरराष्ट्रीय भागीदारी: तंजानिया और उड़ीसा के सांस्कृतिक प्रतिनिधि विशेष आकर्षण होंगे।


मुख्यमंत्री नायब सैनी ने की अपील

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने गीता के संदेश को घर-घर पहुंचाने की अपील की। उन्होंने कहा कि गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने का मार्गदर्शक है। यह आयोजन युवाओं को गीता के विचारों से प्रेरित करने का भी एक प्रयास है।


 

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