कानून व्यवस्था पर सीएम नायब सैनी की ज़िला उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों के साथ अहम बैठक, दिए निर्देश- पुलिस का डर ज़रूरी है !
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इन सभी अपराधों की मॉनिटरिंग प्रदेश स्तर पर की जा रही है और वह स्वयं भी इसकी निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने जिला उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने पर जोर दिया
चंडीगढ़: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जिला उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों के साथ कानून-व्यवस्था पर अहम बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए कि अपराधियों के बीच पुलिस का भय स्थापित किया जाए और महिलाओं से जुड़े अपराधों पर विशेष गंभीरता दिखाई जाए।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इन सभी अपराधों की मॉनिटरिंग प्रदेश स्तर पर की जा रही है और वह स्वयं भी इसकी निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने जिला उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने पर जोर दिया, साथ ही चेतावनी दी कि समन्वय की कमी को गंभीरता से लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने पीड़ितों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार और अपराधियों के प्रति आक्रामक रुख अपनाने की बात कही। उन्होंने गन कल्चर और नशे को बढ़ावा देने वाले गानों पर विशेष निगरानी रखने और युवाओं के साथ संवाद बढ़ाकर उन्हें सकारात्मक दिशा में प्रेरित करने पर बल दिया।
सीएम नायब सिंह सैनी ने चिन्हित अपराधों में कन्विक्शन रेट को बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। सोशल मीडिया की निगरानी रखते हुए इसका उपयोग सकारात्मक दिशा में सुनिश्चित करने को कहा गया। साथ ही, सभी थानों में जल्द से जल्द सीसीटीवी इंस्टॉल करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने पीड़ितों को समय पर न्याय दिलाने और गरीबों के हित सुरक्षित रखने को सरकार की प्राथमिकता बताया। उन्होंने पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि थानों में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की तुरंत सुनवाई सुनिश्चित की जाए।
सीएम नायब सिंह सैनी ने सड़कों पर ब्लैक स्पॉट की पहचान कर उन्हें जल्द ठीक करवाने और सर्दियों में सड़क सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के लिए उपायुक्तों को निर्देशित किया। उन्होंने स्कूल बसों की सेफ्टी की नियमित जांच अभियान चलाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि मानकों के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था न होने पर स्कूल बसों को जब्त किया जाए। सभी स्कूल बसों में 31 मार्च 2025 तक GPS, फर्स्ट एड बॉक्स और अन्य आवश्यक सुविधाएं अनिवार्य रूप से पूरी कराई जाएं।