HPTDC के कर्मचारियों ने प्रेसवार्ता कर निगम चेयरमैन को बदलने की मांग की, लगाए सनसनीखेज़ आरोप !
निगम कर्मचारियों ने कहा कि जिन होटलों को घाटे में कहा गया दरअसल वो घाटे में है ही नहीं. कोर्ट में आंकड़े ही गलत पेश किए गए हैं. कर्मचारियों ने इसके पीछे साज़िश का शक भी जताया ताकि उन होटलों का निजीकरण किया जा सके
शिमला: HPTDC के
कर्मचारियों ने शिमला में प्रेसवार्ता कर अपने मुद्दे मीडिया के सामने रखे. आज
यानी शनिवार को प्रेसवार्ता करते हुए निगम कर्मचारियों ने निगम के चेयरमैन
आर.एस.बाली को बदलने की मांग की. कर्मचारियों के मुताबिक निगम कर्मियों और पेंशनरों
ने कई बार अपने मुद्दों को लेकर चेयरमैन से मिलने की कोशिश की लेकिन उन्होंने समय
ही नहीं दिया.
निगम कर्मचारियों ने कहा कि जिन होटलों को घाटे में कहा गया
दरअसल वो घाटे में है ही नहीं. कोर्ट में आंकड़े ही गलत पेश किए गए हैं.
कर्मचारियों ने इसके पीछे साज़िश का शक भी
जताया ताकि उन होटलों का निजीकरण किया जा सके. कर्मचारियों
के मुताबिक 5 नवंबर को बीओडी (पर्यटन निगम के निदेशक मंडल)
की बैठक भी हुई लेकिन उसमें क्या हुआ किसी को बताया नहीं गया.
भड़के कर्मचारियों ने आरएस बाली पर आरोप लगाया कि उन्होंने
अपने विधानसभा क्षेत्र से ही 70 लोग तमाम
होटलों में भर्ती करवाए. ऐसे में कर्मचारियों ने आग्रह किया है कि बाकी बचे 9
होटलों को भी रियायत दी जाए. साथ ही निगम कर्मचारियों ने राज्य
सरकार से 50 करोड़ रुपए की राहत राशि निगम को देने का अनुरोध
किया है ताकि देनदारी निपटाई जा सके.
गौरतलब है कि 20 नवंबर को हिमाचल हाईकोर्ट ने HPTDC के घाटे में चल
रहे 18 होटलों को 25 नवंबर तक बंद करने
के आदेश जारी किए थे. बाद में 9 होटलों को 31 मार्च तक की राहत दी गई जबकि बाकी बचे 9 होटलों को
परसों यानी 25 नवंबर तक बंद करना है.
प्रदेश में इस समय HPTDC के कुल 56 होटल चल रहे हैं और ज्यादातर ही कई वर्षों
से घाटे में चल रहे हैं. घाटे की वजह से निगम अपने कर्मचारियों को वेतन और पेंशन
भोगियों को पेंशन तक नहीं दे पा रहा है. ये मामला भी कोर्ट में विचाराधीन है.
इन्हीं सब मुद्दो को लेकर कोर्ट ने 20 नवंबर को ये फैसला सुनाया था.