ऐतिहासिक कपाल मोचन मेला: 6 इंच गहरे पानी में डुबकी लगाने को मजबूर महिलाएं !

जिस सरोवर के नाम से इस जगह का कपाल मोचन नाम पड़ा है इस सरोवर में महिलाओं के स्नान की जगह पर पानी की गहराई बिल्कुल नहीं है जिससे महिलाओं को काफी दिक्कत हो रही है. अब तो ये हालत है कि सरोवर का पानी डुबकी लगाने लायक भी नहीं रहा

By  Baishali November 14th 2024 03:44 PM

यमुनानगर: उत्तर भारत का ऐतिहासिक प्रसिद्ध कपाल मोचन मेला शुरू हो गया है और कल यानी 15 नंवबर को कार्तिक पूर्णिमा का स्नान है. ऐसे में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तरप्रदेश से तमाम श्रद्धालु मेले में पवित्र सरोवर में डुबकी लगाने के लिए पहुंचने लगे हैं. लेकिन जिस सरोवर के नाम से इस जगह का कपाल मोचन नाम पड़ा है इस सरोवर में महिलाओं के स्नान की जगह पर पानी की गहराई बिल्कुल नहीं है जिससे महिलाओं को काफी दिक्कत हो रही है. अब तो ये हालत है कि सरोवर का पानी डुबकी लगाने लायक भी नहीं रहा. महिलाओं को मजबूरन 6 इंच तक बचे पानी में ही किसी तरह डुबकी लगाने का रिवाज़ करना पड़ रहा है. 

 

गौरतलब है कि ऐतिहासिक कपालमोचन मेले में दूर-दराज से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. हालांकि इस साल इतनी भीड़ नहीं दिख रही है. ऊपर से गौ बच्छा सरोवर में पानी की कमी ने लोगों को और निराश कर दिया है. स्नान करने पहुंची महिलाओं की मानें तो डुबकी तो दूर अच्छे से मुंह धोने लायक भी पानी नहीं बचा है. 

 

रोचक बात तो ये है कि प्रशासन की तरफ से मौके पर बड़ा सा बोर्ड ज़रूर लगाया गया है कि ग्रिल के आगे पानी गहरा है, लेकिन महिलाओं का कहना है कि ग्रिल को पार कर आगे जाना भी मुमकिन नहीं है. श्रद्धालुओं के मुताबिक स्नान की ये प्रथा सतयुग से चली आ रही है. 

 

माना जाता है कि यहां पर बने तीन सरोवरों की अपनी अपनी महत्ता है. बच्चा कपाल मोचन सरोवर में नहाने से मान्यता है कि पाप मुक्ति होती है. ऋण मोचन तालाब में डुबकी लगाने से कर्ज से मुक्ति मिलने की मान्यता है जबकि तीसरे सरोवर सूर्यकुंड में नहाने से पुत्र प्राप्ति जैसी कई धारणाएं हैं. 

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