कल (18 दिसंबर) से तपोवन में शुरू हो रहा है हिमाचल का 4 दिवसीय शीतकालीन सत्र, इस बार नहीं होंगे शोकोद्गार
मुख्यमंत्री सुक्खू दोपहर बाद धर्मशाला पहुंचेंगे। जबकि संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान बीती शाम को धर्मशाला पहुंच गए हैं। उधर, चीफ सेक्रेटरी कॉन्फ्रेंस में शामिल होने दिल्ली गए मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना दिल्ली से सीधे धर्मशाला पहुंचेंगे
धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा का शीतकालीन सत्र कल यानी बुधवार से धर्मशाला के तपोवन में शुरू हो रहा है। इसके लिए आज पूरी सुक्खू सरकार शिमला से धर्मशाला रवाना हो गई है। बुधवार सुबह 11 बजे से तपोवन में 4 दिवसीय ये शीत सत्र शुरू हो रहा है।
इसी सिलसिले
में प्रेस वार्ता करते हुए विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठनिया ने कहा कि इस बार
जहां 4 बैठकें इस परिसर में आयोजित होंगी वहीं इन चार दिनों में एक
प्राइवेट डे का भी आयोजन किया जायेगा.
पठानिया ने कहा कि सत्र के पहले दिन शोकोद्गार होते हैं
मगर इस बार शोकोद्गार नहीं होंगे,
ईश्वर की कृपा से मानसून सत्र तथा इस सत्र के बीच अभी
तक कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई है. पठानिया ने कहा कि सभी सत्ता पक्ष और
विपक्ष के सदस्यों की ओर से इस सत्र के लिए प्राप्त सूचनाएं उनके पास पहुंच चुकी
हैं, उनकी संख्या 316
हैं,
जिनमें 248 तारांकित (online 128, offline 120) और 68 अतारांकित (online
32, offline 36) पसवाल शामिल हैं जिन्हें
नियमानुसार आगामी कार्रवाई के लिए सरकार को प्रेषित किया गया है.
इसके अलावा नियम 62 के तहत 5 सूचनाएँ, नियम 63 के तहत 1 सूचना, नियम 101 के तहत 5 तथा नियम 130 के अन्तर्गत 3 सूचनाएँ
प्राप्त हुई हैं जिन्हें भी आगामी कार्रवाई के लिए सरकार को प्रेषित किया गया है
पठानिया ने कहा कि प्रश्नों से सम्बन्धित जो सूचनाएँ
सदस्यों से प्राप्त हुई हैं वो मुख्यतः सड़को की दयनीय स्थिति, स्वीकृत
सड़कों की DPR's, प्रदेश में स्कूलों, महाविद्यालयों, स्वास्थ्य
संस्थानों को अपग्रेड एवं विभिन्न विभागों में रिक्त पदों की पदपूर्ति, आऊटसोर्स पर
नियुक्ति बारे, पर्यटन, उद्यान, पेयजल की आपूर्ति,
युवाओं मे बढ़ते नशे के प्रयोग की रोकथाम, सौर ऊर्जा और
परिवहन व्यवस्था पर आधारित हैं.
पठानिया ने कहा कि विधानसभा सदस्यों ने अपने- अपने
निर्वाचन क्षेत्रों से सम्बन्धित मुख्य मुद्दों को भी प्रश्नों के माध्यम से उजागर
किया है पिछले सत्र (मानसून सत्र) की कार्रवाई कुल 53 घण्टे चली और इसकी उत्पादकता 96 फ़ीसदी रही
पठानिया ने कहा कि मेरा सता पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्यों से अनुरोध रहेगा कि वो
जनहित से जुड़े मुद्दों को ही सदन में उठाएँ और हिमाचल प्रदेश विधान सभा की
परम्पराओं और गरिमा का सम्मान करते हुए नियमों की परिधि में रहकर जनहित से
सम्बन्धित विषयों पर सदन में सार्थक चर्चा करें तथा सत्र संचालन में अपना रचनात्मक
सहयोग दें.
वहीं धर्मशाला के तपोवन स्थित विधानसभा भवन को सारा साल
बंद रखने को लेकर कुलदीप पठानिया ने कहा कि ये बहस रिलेवेंट हैं और इसी दिशा में
हमारी ओर से भी अब कुछ कदम उठाने का प्रयास किया गया है जिसपर मुख्यमंत्री नेता
प्रतिपक्ष और अन्य सदस्यों से चर्चा करके इसे सारा साल भर सैलानियों और अन्य
आमोखास के लिए खोलने की रणनीति बनाई जायेगी, इतना ही नहीं इसके लिए अतिरिक्त
सुविधाओं का जो अभाव है उसके लिए भी होटल कम हॉस्टल बनाने का फैसला लिया है, उन्होंने कहा
कि संसदीय प्रणाली को हमारे लोकतंत्र के मूलभूत संस्थान जिसमें पंचायती राज
संस्थाओं के प्रतिनिधि, नगर निगमों के मेयर डिप्टी मेयर पार्षद, स्कूल कॉलेज
यूनिवर्सिटी के छात्र युवा संसद के जरिए या नव निर्वाचित विधायक और सांसद आकर यहां सम्मलेन
आयोजित करें और सदन कैसे चलते हैं ये सीख ले सकें।