Himachal: नालागढ़ के रामशहर का पुराना किला, अपने अंदर समेटे है कई अनसुलझे रहस्य....
नालागढ़ से 10 मील की दूरी पर स्थित रामशहर किला अपने कई अनसुलझे रहस्यों को समेटे हुए है।
शिमला: पराक्रम चन्द: नालागढ़ से 10 मील की दूरी पर स्थित रामशहर किला अपने कई अनसुलझे रहस्यों को समेटे हुए है। एक वक़्त था जब इस शहर में रौनक हुआ करती थी और 300 के करीब दुकानें हुआ करती थीं। किले में एक दरवाजा बनाया गया है जिसका नाम नालागढ़ गेट रखा गया। यहां से खड़े होकर नालागढ़ का पूरा नजारा देखा जा सकता है। किले में आज भी पुरानी कैदियों की जेल मौजूद है।
किले में भंडार गृह के लिये राजा द्वारा पांच कुऐं भी बनवाये गये थे। जिसमें राजा अपना राशन और अन्य सामग्री रखते थे। रानियों के लिये स्नान गृह, मुख्य द्वार के दरवाजे पर हाथी दांतों से की गई नकासी देखते ही बनती है। किले में बनाई गई काल कोठरी में कैदियों को रखा जाता था। काल कोठरी की ऊँची दीवारें कैदियों के लिए किसी कब्रगाह से कम नही थी।
दरअसल हंडूर रियासत के राजा विक्रम चंद जोकि साल1477 से 1492 तक गद्दी पर रहे, तब नालागढ़ की बुनियाद रखी गई और नालागढ़ को रियासत की राजधानी बनाया गया। राजा विक्रम चंद की मृत्यु के बाद राजा केदार चंद, राजा जय चंद और फिर राजा नारायण चंद गद्दी पर बैठे। राजा नारायण चंद के देहांत के बाद उनके बेटे राजा राम चंद को गद्दी दी गई।
राजा राम चंद को कला और वास्तुकला का बहुत शौक था, इसलिए उन्होंने रामगढ़ के मशहूर किले का निर्माण करवाया था। राजा राम चंद के देहांत के बाद राजा संसार चंद ने गद्दी संभाली। उन्होंने भी इस किले को आगे बढ़ाया।