Himachal: लाहौल-स्पीति घाटी की प्रसिद्ध "की मोनेस्ट्री" 1000 साल पुरानी

लाहौल-स्पीति की स्पीति घाटी में कई प्रसिद्ध बौद्ध मठ है। इनमें बौद्ध शिक्षा का सबसे बड़ा केंद्र है "की मोनेस्ट्री" जो काजा से 12 किमी दूरी पर स्थित है।

By  Rahul Rana May 6th 2024 07:55 AM -- Updated: May 6th 2024 02:33 PM

शिमला : पराक्रम चन्द: लाहौल-स्पीति की स्पीति घाटी में कई प्रसिद्ध बौद्ध मठ है। इनमें बौद्ध शिक्षा का सबसे बड़ा केंद्र है  "की मोनेस्ट्री"  जो काजा से 12 किमी दूरी पर स्थित है।किलानुमा शैली में बनी यह मोनेस्ट्री करीब 1000 साल पुरानी है। बौद्ध-भिक्षुओं का यह मठ कई आक्रमणकारियों के हमले झेलने के साथ-साथ कई प्राकृतिक आपदाएं झेल चुका है। इस मोनेस्ट्री में देश ही नहीं विदेश के भी स्टूडेंट पढ़ाई करने आते हैं। 

करीब 14 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित इस मोनेस्ट्री में ऑक्सीजन की कमी होने और सर्दियों में तापमान माइनस 40 डिग्री तक जाने के बावजूद छात्र पढ़ाई करते हैं। बौद्ध धर्म गुरू दलाईलामा 2000 में यहां पर कालचक्र प्रवचन दे चुके हैं।

1008 से 1064 में बनी इस मोनेस्ट्री को गैलंपा स्कूल के ग्रेट स्कॉलर जागी सीम सेरप जांग्यो ने बनाया था। यह लामाओं का सबसे पुराना प्रशिक्षण केंद्र है। यह उत्तर भारत में हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिले में समुद्र तल से 13,668 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।

Related Post