Haryana: शपथ के बाद स्पीकर-डिप्टी स्पीकर पद के लिए मंथन तेज, जींद-करनाल को मिल सकता है पद, जानें कौन रेस में आगे
Haryana: हरियाणा में पूर्ण बहुमत से जीतने के बाद कल सीएम नायब सैनी ने 13 मंत्रियों के साथ शपथ ग्रहण की। भव्य शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूरा एनडीए परिवार शामिल हुआ। मंत्रीमंडल गठन के बाद अब स्पीकर और डिप्टी स्पीकर पद के लिए नामों की चर्चा शुरू हो गई है।
ब्यूरो: Haryana: हरियाणा में पूर्ण बहुमत से जीतने के बाद कल सीएम नायब सैनी ने 13 मंत्रियों के साथ शपथ ग्रहण की। भव्य शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूरा एनडीए परिवार शामिल हुआ। मंत्रीमंडल गठन के बाद अब स्पीकर और डिप्टी स्पीकर पद के लिए नामों की चर्चा शुरू हो गई है। इन पदों के लिए नामों का ऐलान बहुत जल्द हो सकता है।
सूत्रों की मानें तो करनाल की घरौंडा सीट से विधायक हरविंद्र कल्याण का नाम स्पीकर की दौड़ में सबसे आगे है। इनका नाम मंत्री पद के लिए भी आगे था लेकिन फिर इन्हें मंत्रीमंडल में शामिल नहीं किया गया। कयास लगाया जा रहा है कि कल्याण को स्पीकर पद दिया जा सकता है। इसके साथ ही जींद से विधायक कृष्ण मिड्ढा को डिप्टी स्पीकर बनाया जा सकता है। इनका नाम इसलिए भी आगे है क्योंकि अभी तक करनाल और जींद जिले को सरकार में किसी भी तरह का प्रतिनिधित्व नहीं मिला है।
आपको बता दें कि करनाल की सभी 5 सीटों पर बीजेपी ने ही जीत दर्ज की थी। वहीं जींद की 4 में से 3 सीटों पर भी बीजेपी उम्मीदवार जीतने में कामयाब हुए थे। ऐसे में इन दोनों जिलों को भी सरकार में भागीदार बनने का मौका मिलेगा।
हरविंद्र कल्याण
विधायक और अब मंत्री हरविंदर कल्याण रोड़ समाज से आते हैं। मंत्री हरविंदर कल्याण ने राज्य की घरौंडा सीट से जीत दर्ज की है। वे साल 2019 में भी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे, लेकिन तब उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था। पहले मनोहर लाल खट्टर और फिर नायब सैनी सरकार में भी वे मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हो पाए थे। इस बार इस समाज को बीजेपी नई सरकार में प्रतिनिधित्व देकर संदेश देना चाहती है। हरविंदर कल्याण पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के करीबी माने जाते हैं। करनाल की घरौंडा सीट से 52 वर्षीय विधायक हरविंदर कल्याण ने ग्रेजुएशन की है।
हरविंद्र कल्याण के पिता देवी सिंह कल्याण, चौधरी देवीलाल के करीबी माने जाते थे। हरविंद्र कल्याण 1991 में चौधरी भजनलाल के साथ जुड़े थे। हरविंद्र कल्याण, कुलदीप बिश्नोई के सबसे खास आदमियों में से एक रहे हैं। भजनलाल परिवार से उनकी काफी नजदीकियां थीं।