सिरसा में बूथ कैप्चरिंग के आरोप के बाद गोकुल सेतिया ने कांडा को दी चुनौती, पैसे बांटने का लगाया आरोप, देखें हंगामे का वीडियो

हरियाणा की सिरसा विधानसभा सीट पर शनिवार शाम कांग्रेस प्रत्याशी गोकुल सेतिया ने पोलिंग स्टेशन के बाहर हंगामा किया। गोकुल सेतिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि वोटिंग का समय 6 बजे तक होने के बाद भी पोलिंग स्टेशन का गेट 6 बजे के बाद तक खुला रखा गया और पैसे बांटे गए।

By  Md Saif October 6th 2024 01:03 PM

ब्यूरोः  हरियाणा की सिरसा विधानसभा सीट पर शनिवार शाम कांग्रेस प्रत्याशी गोकुल सेतिया ने पोलिंग स्टेशन के बाहर हंगामा किया। गोकुल सेतिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि वोटिंग का समय 6 बजे तक होने के बाद भी पोलिंग स्टेशन का गेट 6 बजे के बाद तक खुला रखा गया और पैसे बांटे गए। घटनास्थल पर मौजूद पुलिस अधिकारियों  ने सेतिया को समझाते हुए कहा कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई। हालाँकि, गोकुल सेतिया और उनके समर्थकों ने ये बात नहीं मानी। इसके बाद गोकुल सेतिया और उनके समर्थक पोलिंग स्टेशन के गेट पर चढ़ गए।


इस बात का पता चलने के बाद बीजेपी, इनेलो, बीएसपी समर्थित उम्मीदवार गोपाल कांडा भी पोलिंग स्टेशन के बाहर इक्ट्ठा हो गए। जिसके बाद कांडा और सेतिया समर्थक आमने-सामने आ गए। एसपी विक्रांत भूषण ने मौके पर पहुंच कर मामले को संभाला। एसपी की तरफ से कहा गया कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है और मामले में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है। फिलहार इस मामले को लेकर गोपाल कांडा का कोई बयान सामने नहीं आया है।



सेतिया ने कांडा को दी चुनौती

कांग्रेस प्रत्याशी गोकुल सेतिया ने गोपाल कांडा, गोबिंद कांडा और उनके बेटे को चुनौती देते हुए कहा कि जो भी करना है, सामने आकर करो। मैं उन लोगों को चुनौती देता हूं जिन्होंने मेरे साथियों के साथ दुर्व्यवहार किया और धमकाया। यदि हिम्मत है और मां का दूध पिया है, तो सामने बोलकर दिखाना।


घटना के बाद सेतिया ने मांगी माफी

घटना के बाद गोकुल सेतिया समर्थकों के बीच आए और जो कुछ भी हुआ उसे मजबूरी बताते हुए माफी मांगी। गोकुल सेतिया ने कहां कि मैं सिरसा की जनता से हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं, जो कुछ भी हुआ वहीं हमारी मजबूरी बन गई थी। 


गोकुल सेतिया ने लगाए थे आरोप

पहला आरोप- 6 बजे के बाद भी खुला रखा था बूथ का गेट

कांग्रेस उम्मीदवार गोकुल सेतिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि पोलिंग स्टेशन का गेट 6 बजे के बाद भी खुला रखा गया था, जबकि वोटिंग का समय सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक का था। यही नहीं, गोकुल सेतिया ने आरोप लगाया कि कांडा के लोग अंदर बैठकर पैसा बांट रहे थे, यानि पोलिंग बूथ के अंदर खुलेआम वोट खरीदे जा रहे थे। जब हम लोग वहां पहुंचे तो हमें अधिकारियों ने ये बोलकर शांत करने की कोशिश की, कि इन लोगों से पहले ही पर्चियां ले ली गई थी तभी इन्हें पोलिंग स्टेशन के अंदर जानें दिया गया था। लेकिन सेतिया ने कहा कि ये नियम कहां से आ गया।


दूसरा आरोप- वोट के बदले पैसों का लालच दिया गया

गोकुल सेतिय ने आरोप लगाया कि पोलिंग स्टेशन का गेट रात 8 बजे तक खुला रखा गया। वोटिंग का समय सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक का था। लोगों को पहले बता दिया गया कि वोट डालने पर पैसे मिलेंगे। इतना ही नहीं फिर जो व्यक्ति पैसे बांट रहा था उसे बूथ के पीछे से भगा दिया गया। ऐसा दो बूथों पर हुआ।



सिरसा में गोपाल कांडा और गोकुल सेतिया के बीच सीधा मुकाबला

गोपाल कांडा HLP की तरफ से उम्मीदवार हैं।

गोकुल सेतिया कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवार हैं।

2019 में गोकुल सेतिया निर्दलीय चुनाव लड़े थे। तब गोपाल कांडा सिर्फ 600 वोट से जीते थे।

इस बार गोपाल कांडा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हो गये थे। जिसके बाद कांग्रेस ने सिरसा सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाया था।

गोपाल कांडा को आईएनएलडी और बसपा के बाद भाजपा का भी समर्थन मिल गया था।



सिरसा में 2019 के मुकाबले कम वोटिंग

इस बार सिरसा विधानसभा चुनाव में साल 2019 के चुनाव के मुकाबले कम वोटिंग हुई है। सिरसा में साल 2019 के चुनाव में 69.5 प्रतिशत वोटिंग हुई थी लेकिन इस बार विधानसभा में 5.5 प्रतिशत मतदान घटकर लगभग 64 प्रतिशत दर्ज हुआ है। इस बार सिरसा विधानसभा सीट से कुल 13 उम्मीदवार मैदान में है। लेकिन सीधा मुकाबला कांग्रेस के गोकुल सेतिया और आईएनएलडी, बसपा और भाजपा समर्थित एचएलपी उम्मीदवार गोपाल कांडा के बीच है। 



कांडा को समर्थन देने के पीछे बीजेपी के 3 बड़े कारण?

1. कांडा को समर्थन देकर कांग्रेस को सिरसा में रोकना

बीजेपी किसी भी कीमत पर नहीं चाहेगी कि सिरसा विधानसभा सीट कांग्रेस के खाते में जाए। भाजपा के लिए हमेशा से हर एक सीट खास होती है। इसलिए भाजपा हर सीट को खास मानकर चुनाव लड़ रही थी। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान सिरसा में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा था, इसलिए बीजेपी इस सीट पर फूंक-फूंक कर कदम रख रही थी। अगर बीजेपी इस सीट से गोपाल कांडा को समर्थन नहीं करती तो जाहिर सी बात है की यहां कांग्रेस विरोधी वोट बंटते, जिससे सीधा फायदा कांग्रेस को होता।


2. सिरसा सीट की कंडीशन को अपने अनुकूल बनाना

गोकुल सेतिया की उम्मीदवारी से कांग्रेस की राह आसान होती दिख रही थी। अचानक कांग्रेस से बागी हुए नेता भी गोकुल का समर्थन करते नजर आ रहे थे। भाजपा जानती थी कि इससे सीधा नुकसान गोपाल कांडा और भाजपा को ही होता। 


3. कांडा के मुकाबले को आसान बनाना

गोपाल कांडा हरियाणा की सिरसा बेल्ट में प्रभावशाली नेताओं में सबसे ऊपर हैं। बीजेपी के पास सिरसा में कांडा से बड़ा चेहरा नहीं था, इसलिए बीजेपी को अंदरखाने कहीं न कहीं पता था कि सिरसा की सीट सिर्फ कांडा ही निकाल सकते हैं। बीते लोकसभा चुनाव में गोपाल कांडा ने सिरसा बेल्ट पर भाजपा की मदद भी की थी। 

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