हरियाणा के बचपन से छप्पन तक का सफर, 56 साल में छुए कई मुकाम...देश को दिए चैंपियन खिलाड़ी
हरियाणा आज 56 साल का हो चुका है। 1 नवंबर 1966 को पंजाब से हरियाणा का गठन किया गया। उस समय हरियाणा देश का 17वां राज्य बना। कभी हरियाणा की पहचान रेतीले और कीकर के जंगलों के रूप में होती थी। बुनियादी सुविधाएं न के बराबर थी, लेकिन 56 साल के सफर में कई उतार-चढ़ाव देखे, इन सब के बीच हरियाणा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
हरियाणा के गठन की मांग सबसे पहले 1923 में स्वामी सत्यानंद ने लाहौर की थी। इसके बाद दीनबन्धु, सर छोटूराम की अध्यक्षता में मेरठ में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स की कांफ्रेस में हरियाणा को अलग राज्य बनाने की मांग की गई।
हरियाणा को अलग राज्य बनाने के लिए देशबंधु गुप्ता, पंडित नेकीराम शर्मा और पंडित श्रीराम शर्मा ने कई प्रयास किए। 1952 में भारत में पहली बार आम चुनाव हुए। चौ. देवीलाल सहित कांग्रेस के 38 विधायक चुने गए। अलग राज्य बनवाने के लिए चौ. देवीलाल और चौ. चरण सिंह ने उत्तरप्रदेश एवं हरियाणा क्षेत्र के 125 विधायकों के हस्ताक्षर के साथ एक ज्ञापन तत्कालीन केन्द्रीय गृहमंत्री जीबी पंत को दिल्ली में दिया।
1953 में चौ. देवीलाल ने राज्य पुनर्गठन आयोग के सामने हरियाणा को अलग राज्य का दर्जा देने की मांग रखी थी। इसके बाद भारत सरकार ने 23 अप्रैल 1966 को पंजाब सीमा आयोग का गठन किया गया। इसे शाह कमिशन भी कहा जाता है। 31 मई 1966 को कमीशन ने अपनी रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट में करनाल, गुडगांव, रोहतक, महेंद्रगढ़ और हिसार जिलों को हरियाणा में शामिल किया गया। पंजाब के संगरूर जिले की जींद, नरवाना तहसील, नारैनगढ़, अंबाला और जगाधरी तहसील को भी शामिल किया गया था।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 12 जून, 1966 को हरियाण को अलग राज्य का दर्जा देने की घोषणा ऑल रेड़ियो पर करते हुए कहा, हरियाणा और पंजाब में भाईचारा मजबूत बना रहा इसके लिए चंडीगढ़ दोनों राज्यों की राजधानी होगी। 7 सितंबर 1966 को संसद में हरियाणा गठन के लिए विधेयक पारित कर दिया गया। 18 सितंबर को राष्ट्रपति ने इस पर अपने हस्ताक्षर कर दिए। बीडी शर्मा हरियाणा के पहले सीएम बने।
22 जिलों वाले इस बड़े राज्य ने खेलों में जैसी अपनी एक अलग पहचान बनाई है। कुश्ती, मुक्केबाजी, हॉकी, कबड्डी समेत यहां के खिलाड़ियों ने देश-प्रदेश में अपना लोहा मनवाया। कुश्ती में सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त ने ओलंपिक और अन्य खेलों में देश के लिए पदक फोगाट सिस्टर्स का नाम हरियाणा में कुश्ती के लिए बड़े अदब से लिया जाता है। कैबिनेट मंत्री संदीप सिंह ने भारतीय हॉकी टीम की कप्तानी की। भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला हरियाणा में हीं पैदा हुई थीं। इसके अलावा भारत को ट्रैक एंड फील्ड प्रतिस्पर्धाओं में नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक में पहला पदक दिलाया।
ताऊ देवी लाल ने अपनी राजनीति का देशभर में लोहा मनवाया। देश के राजनीतिक दलों को एकजुट करने के बाद देश के उप-प्रधानमंत्री बने। हरियाणा को आया-राम, गया-राम के रूप में दलबदल की राजनीति के लिए भी पूरे देश में पहचाना गया। इस प्रकार की राजनीति के सूत्रधार पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल माने जाते हैं। इसके बाद देश में दल बदल कानून लागू किया गया।
80 के दशक में गुड़गांव अब गुरुग्राम में मारुति कार का कारखाना लगा। इसके बाद गुरुग्राम ने पूरे विश्व में एक नई पहचान बनाई। विश्व की कई मल्टीनेशन कंपनियों के आज यहां ऑफिस खुले हैं।