Haryana CM Swearing-In Ceremony: 10 विधायक बन सकते हैं मंत्री, संघ पृष्ठभूमि से स्पीकर, दलित समाज से 2 मंत्री और 2 महिलाएं हो सकती हैं शामिल

हरियाणा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाने शपथ ग्रहण की तैयारियां जोरों पर हैं। नायब सैनी एक बार फिर सरकार के मुखिया के रूप में 17 अक्टूबर को शपथ लेंगे। नए मंत्रिमंडल का रूप कैसा होगा, इसे लेकर कार्यवाहक सीएम नायब सैनी बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से लेकर पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर से मिल चुके हैं।

By  Md Saif October 13th 2024 09:36 AM

ब्यूरो: हरियाणा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाने शपथ ग्रहण की तैयारियां जोरों पर हैं। नायब सैनी एक बार फिर सरकार के मुखिया के रूप में 17 अक्टूबर को शपथ लेंगे। नए मंत्रिमंडल का रूप कैसा होगा, इसे लेकर कार्यवाहक सीएम नायब सैनी बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से लेकर पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर से मिल चुके हैं। सूत्रों की मानें तो सीएम नायब सैनी के साथ 10 विधायक भी मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। 17 अक्टूबर को शपथ ग्रहण समारोह में नायब सिंह सैनी दूसरी बार सीएम पद की शपथ लेंगे। नायब सिंह सैनी के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल होंगे।


क्या होगा सीएम सैनी की कैबिनेट का रूप  

सूत्रों की मानें तो सीएम सैनी के साथ 10 मंत्री भी शपथ ले सकते हैं। इस बार भाजपा 2 से 3 मंत्री को कैबिनेट में शामिल कर सकती है। इसी के साथ कैबिनेट में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण पर पूरा ध्यान रखा जाएगा। आपको बता दें कि स्पीकर पद के लिए हरविंद्र कल्याण, अनिल विज और मूलचंद शर्मा का नाम सबसे आगे है। 


सैनी सरकार में ये हो सकते हैं मंत्री


अनिल विज  

मनोहर लाल के बाद हरियाणा में दूसरा बड़ा पंजाबी चेहरा। अंबाला कैंट से लगातार विधायक बन रहे हैं। भाजपा के पुराने नेताओं में से एक हैं। मनोहर सरकार में गृहमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर रहे।


महिपाल ढांडा  

पानीपत ग्रामीण से लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं। जाट समाज से आते हैं। पिछली टर्म में पंचायत मंत्री रहे। इस बार भी इनकी दावेदारी इसलिए मजबूत है क्योंकि यह पूर्व सीएम मनोहर लाल के करीबी भी हैं और उनके संसदीय क्षेत्र से आते हैं।


कृष्णा गहलावत  

राई से विधायक बनी हैं। राजस्थान के राजनीतिक मिर्धा परिवार में रिश्तेदारी है। जाट और महिला दोनों का फायदा मिलेगा। इनको राज्य मंत्री बनाया जा सकता है।


सुनील सांगवान  

चरखी दादरी में कमल खिलाने वाले सुनील सांगवान पुराने राजनीतिक परिवार से हैं। पिता सतपाल सांगवान पूर्व मंत्री रह चुके हैं। राम रहीम को 6 बार पैरोल देने के मामले में चर्चा में आए थे। दादरी की दोनों सीटों पर इस बार भाजपा जीती है।


अरविंद शर्मा  

2019 में रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा को हराकर सांसद बने थे। इस बार लोकसभा चुनाव में उन्हें हार मिली, लेकिन पार्टी ने उन्हें विधानसभा चुनाव में गोहाना से टिकट दी और जीत हासिल की। अमित शाह के नजदीकी रहे हैं। सोनीपत जिले से मंत्री बनाए जा सकते हैं।


विपुल गोयल  

फरीदाबाद से विधायक चुने गए हैं। मनोहर लाल के पहले कार्यकाल में उद्योग मंत्री रहे। कैबिनेट मंत्री के रूप में काम करने का अच्छा अनुभव। गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर के करीबी नेताओं में से एक हैं।


रणबीर गंगवा  

हरियाणा में बड़ा ओबीसी चेहरा हैं। कुम्हार समाज से आते हैं। हरियाणा में ओबीसी वर्ग को साधने का काम किया। जगह-जगह सम्मेलन व कार्यक्रम किए। बरवाला से पहली बार कमल खिलाया। मनोहर और नायब सरकार में डिप्टी स्पीकर के पद पर रहे।


कृष्ण बेदी  

वाल्मीकि समाज से आने वाले नेता हैं। मनोहर सरकार में शाहबाद से विधायक चुनने के बाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री बने। इसके बाद मनोहर लाल की टीम में भी रहे। नायब सैनी और मनोहर लाल दोनों के करीबी हैं। सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।


कृष्णपाल पंवार  

दलित समाज से आने वाले दूसरे बड़े नेता हैं। राज्यसभा सांसद के पद से इस्तीफा देकर पानीपत की इसराना विधानसभा से विधायक का चुनाव लड़ा और जीते। इनको मंत्री बनाकर दलितों को साधने का प्रयास किया जाएगा।


बिमला चौधरी  

राव इंद्रजीत के नजदीकी होने व महिला होने का फायदा बिमला चौधरी को मिल सकता है। वह रिजर्व सीट से विधायक चुनी गई हैं। ऐसे में तीनों चीजें इनके लिए प्लस पॉइंट रह सकती हैं। इंद्रजीत के कोटे से हर बार एससी विधायक मंत्री बनता है। पिछली बार बनवारी लाल इंद्रजीत के कोटे से मंत्री बने थे।


श्याम सिंह राणा

यमुनानगर की रादौर विधानसभा से जीते हैं। राजपूत जाति के कोट से मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। नायब सैनी के करीबियों में उनकी गिनती होती है।

Related Post