Farmers Protest: पंजाब-हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़ बॉर्डर पर करीब 70 हजार जवान तैनात, 15 जिलों में धारा 144 लागू

By  Rahul Rana February 13th 2024 08:49 AM

ब्यूरो: किसानों ने दिल्ली कूच के लिए हरियाणा के शंभू बॉर्डर, खनौरी बॉर्डर और डबवाली बॉर्डर को चुना है। पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियों में हरियाणा में एंट्री करेंगे। किसानों को रोकने के लिए बॉर्डर पर सीमेंट की बैरिकेडिंग के साथ कंटीली तारें और कीलें बिछाई गई हैं। किसान नदी के रास्ते दाखिल न हों, इसलिए शंभू बॉर्डर पर घग्गर नदी में खुदाई की गई है।

केंद्र की तरफ से BSF और CISF जवानों से लैस 64 कंपनियां हरियाणा भेजी गई हैं। बॉर्डर पर करीब 70 हजार जवान तैनात हैं। स्थानीय पुलिस के साथ ड्रोन और CCTV कैमरों से नजर रखी जा रही है।

सोशल मीडिया पर अफवाहों को रोकने के लिए सरकार ने 7 जिलों में मोबाइल इंटरनेट बंद किया है। इनमें अंबाला, कुरुक्षेत्र, हिसार, कैथल, जींद, फतेहाबाद, डबवाली समेत सिरसा शामिल हैं। इन जिलों में 13 फरवरी की रात 11.59 बजे तक डोंगल, बल्क SMS और इंटरनेट पर रोक है। इसके अलावा अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, फतेहाबाद, सोनीपत, झज्जर, पंचकूला, जींद, हिसार और चंडीगढ़ समेत 15 जिलों में धारा 144 लगाई गई है।

The Delhi Police have taken every possible step to stop the march from entering Delhi..jpg

किसान आज यानि मंगलवार सुबह 10 बजे दिल्ली कूच करेंगे। आपको बता दें कि कल सोमवार रात चंडीगढ़ में साढ़े 5 घंटे चली मीटिंग में किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच MSP गारंटी कानून और कर्ज माफी पर सहमति नहीं बनी। जिसके बाद किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर ने ऐलान कर दिया कि दिल्ली कूच होगा। उन्होंने किसानों को पंजाब-हरियाणा के शंभू, खनौरी और डबवाली बॉर्डर पर इकट्‌ठा होने के लिए कहा है।

उन्होंने कहा कि हर मुद्दे पर चर्चा हुई। सरकार किसानों की मांगों पर सीरियस नहीं है। किसान टकराव नहीं चाहते लेकिन सरकार के मन में खोट है। वह सिर्फ टाइम पास करना चाहती है। हमें कुछ नहीं देना चाहती। हमने उनसे MSP कानून को लेकर अनाउंसमेंट करने के लिए कहा। सरकार के प्रस्ताव पर विचार करेंगे लेकिन आंदोलन पर कायम हैं।

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केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि बातचीत के माध्यम से सब बातों का हल निकलना चाहिए। कुछ ऐसे मामले हैं, जिन्हें सुलझाने के लिए कमेटी बनाने की जरूरत है। अभी भी हमें इसकी उम्मीद है।

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