हरियाणा : दान में मिली जमीन बेच सकेंगे धौलीदार ब्राह्मण, सांसद कार्तिकेय शर्मा ने ब्राह्मण महाकुम्भ में सीएम से की थी मांग

हरियाणा के स्कूल शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि सालों पहले दान में मिली धौली की जमीन का मालिकाना हक और बेचने का अधिकार अब ब्राह्मण समाज को दे दिया गया है।

By  Rahul Rana November 29th 2023 11:08 AM -- Updated: November 29th 2023 11:20 AM

ब्यूरो : हरियाणा के स्कूल शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि सालों पहले दान में मिली धौली की जमीन का मालिकाना हक और बेचने का अधिकार अब ब्राह्मण समाज को दे दिया गया है। कंवर पाल ने कहा कि इस संदर्भ में वित्तायुक्त (राजस्व) एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव हरियाणा ने सभी जिला उपायुक्तों को पत्र लिखकर निर्देश जारी कर दिये हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने हरियाणा धौलीदार, बूटीमार, भोंडेदार और मुकरारीदार (मालिकाना अधिकार निहित करना) अधिनियम संशोधित किया है जिसके तहत निजी व्यक्ति/संस्था की भूमि धौलीदारों आदि में निहित कर दी गई है तथा ऐसी दान में मिली जमीन बेचने पर अब कोई रोक नहीं रहेगी।

गौरतलब है कि 11 दिसंबर, 2022 को करनाल में हुए परशुराम महाकुंभ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ब्राह्मण समाज की मांग पर लगभग 1700 एकड़ धौली की जमीन के मालिकाना हक दिलाने की घोषणा की थी। सीएम के ऐलान को सिरे चढ़ाते हुए अब राजस्व विभाग ने जिला उपायुक्तों को सूचित किया है कि सरकार ने हरियाणा धौलीदार, बूटीमार, भोंडेदार और मुकरारीदार (मालिकाना अधिकार निहित करना) अधिनियम संशोधित किया है। इसके तहत निजी व्यक्ति/ संस्था की भूमि धौलीदारों आदि में निहित कर दी गई है। दान में मिली जमीन बेचने पर भी कोई रोक नहीं रहेगी। भगवान परशुराम महाकुंभ आयोजन समिति के संरक्षक सुनील शर्मा डूडीवाला, वरिष्ठ उप-महाधिवक्ता राहुल मोहन व आयोजन समिति के सदस्य शीशपाल राणा ने घोषणा पूरी होने पर सीएम का आभार जताया है।



वित्तीय आयुक्त राजस्व एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव हरियाणा सरकार ने उपायुक्तों को आदेश दिया है कि हरियाणा धौलीदार, बूटीमार, भोंडेदार और मुकरारीदार (मालिकाना अधिकार निहित करना) अधिनियम संशोधित किया गया है। इसके तहत निजी व्यक्ति/संस्था की भूमि धौलीदारों आदि में निहित कर दी गई है। दान में मिली जमीन बेचने पर भी कोई रोक नहीं रहेगी। पत्र में सभी उपायुक्तों को य़ह भी कहा गया है कि वे जिले के सभी पंजीकरण अधिकारियों को संबंधित धौलीदारों द्वारा उनके पक्ष में उत्परिवर्तन की मंजूरी के बाद बिक्री कार्यों आदि को आगे पंजीकृत करने के लिए अच्छी तरह से जागरूक करें।

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