Chaitra Navratri 2024 Day 3: चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चन्द्रघण्टा की पूजा, जानिए स्वरूप और महत्व
नवरात्रि के तीसरे दिन यानी 11 अप्रैल को मां चंद्रघण्टा की पूजा की जाएगी। माता चन्द्रघण्टा का स्वरूप बड़ा अद्भुत और विलक्षण है।

ब्यूरो: चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 09 अप्रैल 2024 को हुई है। मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा व साधना के लिए नवरात्रि का समय सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। नवरात्रि में श्रद्धाभाव से मां भगवती की अराधना करते हैं। नवरात्रि के तीसरे दिन यानी 11 अप्रैल को मां चंद्रघण्टा की पूजा की जाएगी। माता चन्द्रघण्टा का स्वरूप बड़ा अद्भुत और विलक्षण है। इनकी सवारी सिंह है और इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्द्धचन्द्र है, इसलिए इन्हें ’चन्द्रघन्टा’ के नाम से जाना जाता है।
चंद्रघंटा की पूजा का महत्व
मां चंद्रघंटा का ध्यान धारण करने से भक्तों को सांत्वना, सुख और शांति की प्राप्ति होती हैऔर इनकी पूजा से भक्तों को आत्मिक उन्नति और समृद्धि की प्राप्ति भी होती है। इनकी उपासना से भक्तगण समस्त सांसारिक कष्टों से छूटकर सहज ही परमपद के अधिकारी बन जाते हैं। इनका वाहन सिंह है अतः इनका उपासक सिंह की तरह पराक्रमी और निर्भय हो जाता है। इनके घंटे की ध्वनि सदा अपने भक्तों की प्रेत-बाधादि से रक्षा करती है।
पूजा विधि
- नवरात्र के तीसरे दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं।
- इसके बाद मंदिर में एक चौकी पर माता चंद्रघंटा की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें।
- फिर माता को सिंदूर, अक्षत, गंध, धूप, पुष्प आदि अर्पित करें। साथ ही मां को दूध से बनी हुई मिठाई या फिर खीर का भोग लगाएं।
- पूजा के दौरान माता के मंत्रों का जाप व दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
- इसके साथ ही मां की आरती करें और सभी लोगों में प्रसाद वितरित करें।