किसानों के रेल रोको आंदोलन का पंजाब-हरियाणा में रहा खासा असर
चंडीगढ़। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज किसानों द्वारा देशभर में रेल रोको आंदोलन चलाया गया। इस आंदोलन का पंजाब और हरियाणा खासा असर देखने को मिला। तय समय के मुताबिक करीब 12 बजे किसान रेलवे स्टेशनों पर जमा हुए और पटरियों पर बैठ गए। किसानों ने प्रदर्शन के दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की।
[caption id="attachment_475981" align="aligncenter"] किसानों के रेल रोको आंदोलन का पंजाब-हरियाणा में रहा खासा असर[/caption]
फतेहाबाद में बठिंडा-दिल्ली और सिरसा-दिल्ली रेलवे लाइन रूट को किसानों ने ठप कर दिया गया। किसान नेताओं ने कहा कि आज किसान रेल लाइनों पर बैठा है और जब तक कृषि कानून रद्द नहीं होंगे किसान संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर किसान अलग-अलग तरीके से अपना विरोध जताते रहेंगे।
उधर सयुंक्त मोर्चे के आह्वान पर पानीपत में भी किसानों ने रेलवे ट्रैक पर मोर्चा संभालकर रखा। किसानों ने दोपहर के ठीक 12 बजे रेलवे ट्रेक जाम कर दिया और शाम 4 बजे तक रेलवे ट्रेक पर डटे रहे। इस दौरान दिल्ली-अमृतसर को जाने-आने वाली तमाम ट्रेनें बाधित रहीं। इस रेल रोको आंदोलन में महिलाएं भी किसानों के साथ काफी संख्या में पहुंची। घोषणा के मुताबिक किसानों ने शांतिपूर्वक ढंग से प्रदर्शन जारी रखा। इस दौरान सुरक्षा के लिहाज से भारी पुलिसबल तैनात रहा।
यह भी पढ़ें- जम्मू कश्मीर के दौरे पर विदेशी राजनयिक, जमीनी हकीकत का ले रहे जायजा
यह भी पढ़ें- 22 फरवरी से अब बिना रिजर्वेशन के भी ट्रेन में कर सकेंगे सफर
[caption id="attachment_475980" align="aligncenter"] किसानों के रेल रोको आंदोलन का पंजाब-हरियाणा में रहा खासा असर[/caption]
सिरसा के रेलवे स्टेशन पर किसानों ने विरोध का अनोखा तरीका अपनाया। यहां संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर रेल रोकने के लिए पहुंचे किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने मालगाड़ी के डिब्बे पर फूल-मालाएं पहनाकर देश व प्रदेश की जनता तथा रेलवे विभाग से असुविधा के लिए माफी मांगी।
[caption id="attachment_475983" align="aligncenter"] किसानों के रेल रोको आंदोलन का पंजाब-हरियाणा में रहा खासा असर[/caption]
इस बीच हरियाणा के हिसार पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि उनका अगला लक्ष्य 40 लाख ट्रैक्टरों का है, देशभर में जाकर 40 लाख ट्रैक्टर इकट्ठा करेंगे। ज्यादा समस्या की तो ये ट्रैक्टर भी वहीं हैं, ये किसान भी वही हैं, ये फिर दिल्ली जाएंगे। इस बार हल क्रांति होगी, जो खेत में औजार इस्तेमाल होते हैं, वे सब जाएंगे।