किसानों की केंद्र सरकार से बैठक का नहीं निकला कोई नतीजा
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों को आज सरकार ने बातचीत के लिए बुलाया मगर इस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला। सरकार ने किसानों की मांगों को मानने के बजाए उन्हें कृषि कानून के फायदे गिनाए। कृषि कानूनों के फायदों को लेकर किसानों को एक प्रेजेंटेशन दिखाई गई। लेकिन किसान इससे संतुष्ट नहीं हुए और आंदोलन जारी रखने की बात कही। सरकार से बातचीत का दौर जारी रहेगा। तीन दिसंबर को फिर से सरकार से बातचीत होगी।
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किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के एक सदस्य ने कहा कि हमारी जो कल बैठक हुई उसमें सरकार ने एक कमेटी बनाने की बात कही,लेकिन हमने पहले भी देखा है कि देश में कुछ भी घपला होता है तो उसके लिए कमेटी बनती है लेकिन आज तक किसी भी कमेटी का हल नहीं निकला इसलिए हमारी मांग है कृषि कानूनों को जल्दी रद्द किया जाए।
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ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के अध्यक्ष प्रेम सिंह ने कहा कि बैठक अच्छी रही। सरकार अपने स्टैंड से थोड़ा पीछे हटी है। 3 दिसंबर को अगली बैठक है, उसमें हम सरकार को यकीन दिला देंगे कि इन क़ानूनों में कुछ भी किसानों के पक्ष में नहीं है। हम इन क़ानूनों को रद्द करा के जाएंगे।
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केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान नेताओं के साथ बैठक के बाद कहा कि किसानों के किसी भी सवाल पर पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार हमेशा चर्चा के लिए, सुझाव के लिए, विमर्श के लिए तैयार है।
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