चार साल के मासूम बच्चे को कोरोना से जंग लड़ते छोड़ गायब हुए परिजन
रोहतक। (अंकुर सैनी) रोहतक पीजीआईएमएस में पिछले कई दिन से एक मासूम कोरोना से जंग लड़ रहा है। उसके मां- बाप अस्पताल में दाखिल कराकर गायब हो गए। बच्चा पीजीआई के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती है जहां अपने माता - पिता के वापस लौटने की राह देख रहा है। दाखिल कराने के दौरान परिजनों ने अपनी जानकारी भी गलत दर्ज करवाई थी। हालांकि, पुलिस और पीजीआई प्रशासन बच्चे के परिजनों की तलाश में जुटे हैं।
डॉक्टर सुरेश सिंघल के अनुसार बच्चे की हालत काफी गंभीर थी। इस दौरान बच्चे के साथ आए उसके माता - पिता उसे बीमार हालत में छोड़कर अस्पताल से चले गए। पीजीआई प्रशासन की माने तो परिजनों द्वारा दाखिले के वक्त अपनी जानकारी भी गलत दी गई थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए पीजीआई के आईसीयू इंचार्ज डॉक्टर सुरेश सिंघल की और से पीजीआई पुलिस को सूचित किया गया।
डॉक्टर सुरेश सिंघल ने बताया कि बच्चे के लंग्स में इन्फेक्शन था जिसके बाद उसे पीडियाट्रिक विभाग से कोरोना वार्ड में भर्ती किया गया था। बच्चे का एक्सरे भी हुआ था जिसमें पता चला था कि बच्चे के लंग्स में इन्फेक्शन है और हालत काफी गंभीर है। लेकिन, इलाज के बीच माता - पिता की जरूरत पड़ी तो वें अस्पताल में मौजूद नहीं थे।
यह भी पढ़ें- मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की 1100 करोड़ रुपये से अधिक के राहत पैकेज की घोषणा
यह भी पढ़ें- सीबीएसई 12वीं बोर्ड के 31 जुलाई तक घोषित होंगे नतीजे
बच्चे को भर्ती कराने आए परिजनों ने अपना फोन नंबर गलत दिया था। इसका पता तब चला जब पुलिस ने खरखोदा इलाके के एक गांव में जाकर पूछताछ की। ग्रामीणों से पूछताछ में पुलिस को परिजनों का कोई सुराग हाथ नहीं लगा और खाली हाथ लौट आई। डॉक्टर ने बताया कि 10 जून को बच्चे को आईसीयू से निकलकर ट्रॉमा सेंटर में शिफ्ट किया गया है और फिलहाल बच्चे की हालत भी ठीक है।
पीजीआई की स्टाफ नर्स बच्चे का ख्याल रख रही हैं। बच्चा अपने मां बाप को याद कर रोता बिलखता है। पिछले दो सप्ताह से कोरोना से जंग लड़ते हुए अपने अम्मी - अब्बू का इंतजार कर रहा है। स्टाफ नर्स और डॉक्टर्स ने उसे खेलने के लिए खिलोने भी लाकर दिए हैं। सुबह - शाम उसे खाने की चीजें भी दी जा रही हैं। डॉक्टर सिंघल ने बच्चे के परिजनों से वापस लौट अपने बेटे को ले जाने की भी अपील की। कहा की, बच्चा अब ठीक हो चुका है और उसे घर ले जा सकते हैं। हालांकि, उनका कहना है कि परिजन न मिलने तक बच्चे को जन सेवा संस्थान या किसी एनजीओ में भेजा जाएगा। उन्हें उम्मीद है कि स्वास्थ्य ठीक होने के बाद बच्चे की काउंसलिंग की जायेगी जिसमें शायद उन्हें कोई जानकारी हासिल हो। फिलहाल, बच्चे को पीडियाट्रिक विभाग में रखा गया है।