EXCLUSIVE: PTC न्यूज हरियाणा की सीएम मनोहर लाल से खास बातचीत, जानिए हरियाणा के तमाम मुद्दों पर क्या बोले मुख्यमंत्री
चंडीगढ़/अभिषेक तक्षक: हरियाणा सरकार इन दिनों विपक्ष के निशाने पर हैं। विपक्ष मनोहर सरकार को हर मोर्चे पर नाकाम बता रहा है। प्रदेश सरकार इन दिनों बिजली के कटों को लेकर भी चारों तरफ से घिरी हुई है। इसके साथ ही सरकार एसवाईएल के मसले को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट का रुख करने की तैयारी में है। हरियाणा के तमाम मुद्दों पर पीटीसी न्यूज ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से खास बातचीत की है। बातचीत के अंश नीचे प्रकाशित किए जा रहे हैं।
सवाल: हाली में पानीपत में सरकार ने गुरुतेग बहादुर जी के प्रकोशत्सव पर बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया, इस कार्यक्रम के पीछे क्या लक्ष्य था।
जवाब: महापुरुषों के जीवन से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। हमारी नई पीढ़ी को महापुरुषों के किए कामों से प्रेरणा मिले ये हमारा लक्ष्य है। इसके लिए हमने एक योजना बनाई है। संत महापुरुष प्रचार योजना। इस योजना के तहत हमने पहले भी गुरु नानक जी का 550वां प्रकोशत्सव कार्यक्रम, गुरु गोविंद सिंह जी का 350वां प्रकोशत्सव कार्यक्रम किया था। अभी इस साल गुरु तेग बहादुर जी का 400वां कार्यक्रम पानीपत में किया। इसके लिए हम हर साल बजट का प्रावधान करते हैं, क्योंकि नई पीढ़ी को दिशा दिखाना सरकार का काम होता है। अच्छी शिक्षा और संस्कार देना भी विकास का पैमाना है।
सवाल: माना जा रहा है कि एक विशेष समुदाय को जोड़ने के लिए इस तरह के कार्यक्रम किए जाते हैं?
जवाब: नहीं, ऐसा नहीं है। हम हर समाज के महापुरुषों को याद करते हैं। गुरु रविदास, महर्षि वाल्मीकि, अंबेडकर जी के कार्यक्रम भी करते हैं। कल को हमें किसी भी समाज के महापुरुषों के कार्यक्रम की योजना बनानी हो तो सभी के लिए बनाएंगे।
सवाल: इस समय प्रदेश में गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है। इस समय प्रदेश की सबसे बड़ी समस्या बिजली है। इससे आप भी अछ्छी तरह से वाकिफ हैं...वो है बिजली। कट से लोग, किसान, उद्योगपति परेशान हैं। विपक्ष भी हमलावर है।
जवाब: हर साल अप्रैल, मई, जून में बिजली की समस्या आती है। इन दिनों जितनी भी बिजली की उपलब्धता होती है उसको डिस्ट्रीब्यूट कर हम प्रदेश को मुहैया करवाते हैं, जहां तक बिजली की उपलब्धता की बात है, जब हमने सरकार संभाली थी उस समय हमारे पास 9 हजार मेगावॉट बिजली थी। आज हमारे पर 13 हजार मेगावॉट बिजली है। बिजली की खपत बढ़ रही है। योजनाएं होती थी, लेकिन किसी भी गांव में 24 घंटे बिजली नहीं होती थी। हमने मेरा गांव जगमग गांव योजना बनाई। इसके तहत हम 5600 गांवों में बिजली दे रहे हैं। कुल मिलाकर बिजली की खपत बढ़ी है। हमारे उद्योग भी बढ़े हैं। कृषि में भी बिजली की खपत बढ़ी है। ऐसे में बिजली की खपत बढ़ती है तो उसकी प्रक्योरमेंट करनी पड़ती है।
थर्मल पलांट ज्यादा लगाने की हमारी नीति नहीं है। हमारे पास हाईड्रो, सोलर पावर है। आने वाले समय में अटोमिक प्लांट खिदड़, गोरखपुर चलने शुरू होंगे। इससे भी हमे कुछ मिलेगा। यहां से खरीद करने पर साल भर के लिए हमें पूरी बिजली मिलेगी।
सवाल: भविष्य में सरकार कोई पवार प्लांट लगाने पर काम कर रही है? विपक्ष लगातार कह रहा है हमारे समय में पावर प्लांट लगाए गए थे। हमारी सरकार के समय की गई व्यवस्थाओं पर आपकी सरकार ने साढ़े सात साल निकाल दिए। सरकार ने कोई काम नहीं किया।
जवाब: जब हमने सरकार संभाली थी तब हमारे पास 9 हजार मेगावॉट बिजली थी आज हमारे पास डेढ़ गुणा ज्यादा 13 हजार मेगावॉट बिजली है। अब ये ठीक है कि सारे प्लांट लगाए जाएं ये जरूरी नहीं होता। हम बाजार से बिजली लेते हैं। हमारे बहुत से सोलर पलांट काम कर रहे हैं। भले ही वो छोटे हों। हां जहां तक पावर प्लांट लगाने का सवाल है वो पिट्स पर लगाने से लाभ है। वहुत से लोग पिट्स पर प्लांट लगा रहे हैं। हमने अभी एक योजना बनाई है जिससे पिट्स पर लगाए हुए प्लांट हमें मिलेंगे। यमुनानगर में हमारा एक प्लांट है। एक और प्लांट लगाने की हमारी योजना प्रस्तावित है उसको हम लगा सकते हैं, लेकिन कोयले का संकट देश में बना है। कोयला भी इम्पोर्ट करना पड़ता है। इसकी कीमत भी अधिक पड़ती है।
प्लांट लगाना अंतिम विकल्प होता है। थर्मल से पहले बाकी सभी योजनाओं को एक्सपलोर करना होता है। हाल ही में हमने जम्मू कश्मीर की एक कंपनी से करार किया है। वहां से हमे हाइड्रो पावर मिली है। पड़ोसी राज्यों हिमाचल, उत्तराखंड से भी हमारी हाईड्रो पावर के लिए बताचीत चल रही है। थर्मल पावर हमारे लिए अंतिम विकल्प है।
सवाल: कांग्रेस का कहना है कि हमारे समय में अडानी के साथ सस्ती दरों पर करार हुआ था, लेकिन अब कांग्रेस का कहना है कि अब सरकार अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए कदम बढ़ा रही है।
जवाब: वो करार अभी भी लागू है। पिछले कुछ दिनों से किसी विवाद के कारण वो करार सिरे नहीं चढ़ पाया। हम इसे दोबारा से शुरू कर रहे हैं। जो करार पिछले 25 साल के लिए लागू था वो आज भी लागू है। हमें आज भी बिजली मिलेगी। सात दिन के बाद करार के मुताबिक बिजली हमें मिलना शुरू हो जाएगी।